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________________ ૨૮૧ યુગપ્રધાન જિનચંદ્રસૂરિ वहादर(शाह) गुजरातीके अमलमें १५५७ सनमें करमान डोसीने जो चंप्रान (?) पूनमीये गच्छका था, उसने जुने देहरेका मरम्मत फरवाया और जुरा जुरा मुरतां तुटेली थी सो भंडार कीवी नवी मुरत जुनै देहरामें थापना कीवी। आठवीं वखत १५९१ सनमें मजादेहखान गुजरातीने देहरेकुं तोडा, कितनीक मूरतां तोडी, पीछे करमान डोसीने जेपुरसुं आयकर देहराकुं मूरतांको मरम्मत किया। १५९२ सन्में राजकाज युक्त हुमायु वादशाह गुजरातमें आये, १५९३ सन्में वाहादर गुजरातीकुं फिरंगीयोंने मारा, सुलतान महंमद पातस्या हुआ अरु इस महंमदके अमलमें आधा चरसतक सोरठ (देश)के मुलकमें दंगा रहा, उस पीछे एक हजार पांचसो च्यार (में) सैबुजा मजाहीदखानकुं जागीरी में मिला। उस पीछे अंचलगच्छके जसवंत पसारी बहुत आता जाता मजाहीदखानका जागीरीमें, उस(ने) अपने साहिवकुं वीनति किया, फागुण सुदि ३ मुकरवार के दिन अमारत शुरु करी, एक वडा देवल बनाया ३५ छोटे वनाए, अरु खरतर गच्छके वनियाने २२ देहरा बनाया अरु किल्लामे अंबार(त)थ(?)भी कराया। कर(? कड)वामतीके गच्छके यनियेने किल्लेके दरम्यान अंबारत (इमारत) करके२ देहरे वनाए। पायचंद गच्छके धनियेने किले में अंवारत करके देहरा ३ बनाया। अंचलगच्छके वनियेने चोहट अ(रु)स? ववरुवालने ३ वरस तलक किलाम अंबारत किया, वडे देहरे ३(तीन) बनाए और छोटे ९वनाए। इल्लाहीके आठमें सनमें राजकाज युक्त पातशाहके १३ सनमें पदमो (१)डोसी अरु हुंमान मोहते ओसवाल खरतरान् गच्छके थे. उन होने अंधारत करके ५ वरस तक टूटे हुए देहराकी मरम्मत करवाई। रामजी तराने किल्लामें देहरा बनाया। इलाहीके १९ सनमें गुजरतके मुलकम काल पड्या, ४ (चार) वरस तलक सेजा उजड रहा। उस पीछे इलाहीके २२ सन्में............ ..........आवादान हुना अह अल्लाहीके २५ सन्म तपागच्छके जसू वनियेने देहरा बनाया। फते इलाहीके ३० सनमें खरतरानके सील मेहता सारंग. लाहोरम पातस्याहके कदंवोसे हुआधा, उसने रायणके...... राडके नीचे ४ (चार) बडे देवल किल्लेमें करवाये। अल्लाहीके ३६ सन्म सहरयर महिनेमें पातसाने गिरनार सेर्बुजा और पालीताणके देहरे संपूर्ण शापासे महता कर्मचंदको कृपादान किया और
SR No.011554
Book TitleYuga Pradhan Jinachandrasuri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDurlabhkumar Gandhi
PublisherMahavirswami Jain Derasar Paydhuni
Publication Year
Total Pages444
LanguageGujarati
ClassificationSmruti_Granth
File Size14 MB
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