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किरतचन्दजी सेठिया का घरदेरासर- चावलगोला ।
[58] सं० १५३३ पेशाग्य बदि ४ प्राग्वाट व्य० श्रपा ला श्राडी पुत्र व्या जरसीइन ना पह पु- साहादि कुटुंब युनेन स्वयसे श्री वासुपूज्य विवं का०प्र० तपा रत्नशेखर सूरि पद श्री पदमीसामर सूरिभिः ।
श्री सांवलियाजी का मन्दिर-कीरतबाग ।
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पाषाण के मूर्तियोंपर। ॥ श्री सं० १७३० माघ शुक्ल ५ चंडे श्री पावचंड गले उ० श्री हर्षचंदजी नित्यचंजीकानामुपदेशन । उस बंशे गांधी गोत्रे साहजी श्री कमल नयनजी तत्पुत्र सा उदय चंडजी तत्धर्मपत्नी तथा उस घं गहलड़ा गोत्रे जगत्सेठजी श्री फत्तेचं जी तत्पुत्र सेठ प्राणन्द चंजी तत्पुनी बाइ अजबोजी श्री मत्या श्वनाथ विवं कारापितं । प्रतिष्ठितच वि० सरिनिः श्री जानुचंदापति आशाकचिरं नन्दतालई जूयाञ्च श्रियं ।
[60} ॥ श्री सं० १७३० माघ शुक्ल ए चंडे श्री पाश्वचंड गछे न श्री हर्षचंडजी नित्यचंड जीकानामुपदेशेन उस बं० गांधी गात्र सा० श्री कमल नयन तत्पुत्र सा उदय चंजी तत्धर्मपत्नी तथा उस बंशे गहखड़ा गोत्रे जगत्सेठ श्री फतेचंड जी तत्पुत्र सेठ प्राणन्द चंड तत्पुत्री बा अजबोजी श्री बासुपूज्य विवं कारापितं । प्रसूरि श्रीजानुचंजणेति नई याशिवं सदा॥
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पाषाणके चरणोंपर। सं० १३० वर्षे माघ शुक्ल पंजबासरे उस बंश गांधी गोत्रे सा श्री कमल नयन