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जी तत्पुत्र सा उदयचन्द जी तनार्या बाइ श्रजवोजीकेन श्री पावं प्रथम बार्यदिन गण पर पाकुका कारापितं।
[62] सं० १३० वर्षे माघ शुक्ल ५ सोमे गांधी गोत्रे सा० श्री कमल नयन जी तत्पुत्र सा. श्वी उदयचंड जी तत्धर्मपत्नी बार अजबाजीकेन श्री बासुपूज्य प्रथम सुजूम गणधर पाउका काराप्ति।
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सं० १७६१ चैत्र शुक्ल पञ्चम्यां शनिवाप्सरे चंछ कुसाधिप श्री जिनदत्त सूरीयां चरण स्थापनं श्री सहाग्रहण श्री जिनहर्ष सूरीणामुपदेशाप्रतिष्ठितं ॥
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धातुके मूर्तियोंपर। सं० १५१४ वर्षे बै० व० ५ उके व्या गोइन्द ना राजू पुत्र नाथू जार्या विवि मातृ-नाम्दा केन जार्या सीसू प्रमुख कुटुंब युतेन श्री श्रेयांसनाथ बिवं कारितं प्रतिष्ठित श्री सोमसुन्दर सूरिपट्टे श्री रत्नशेखर सूरि राज्यः च ॥ कालधरी ।
185; . सं० १५३० वर्षे चैत्र यदि ५ गुरू रजीआण गोत्रे हुवड़ ज्ञातीय दोसी गकुर सी जा० नाइ सो सुत दोसी घाखान हरपाल दासा पोगा युतन मातृ श्रेयसे श्री कुंथुनाथ विवं कारितं हुवड़ गछे श्री सिंघदत्त सूरि प्रतिष्टितं । उपाध्याय श्री शीसकुझर गणि।
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सं० १५३१ वर्षे वेशाख बदि २१ सोमे श्री श्रीमान झा० सा गोआ ना भाऊ सु. सा साजय ना मदोधरि सु० सा मटका ना पुरा सु० सा० सोम सापासा