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________________ प्रश्नों के उत्तर 7 .. किया । उस ने भी सब वस्त्र उतार दिए, वह दिगम्बर बन गई, परन्तु जब वह नगर में भिक्षा को गई, तो उसका नग्न वेष सर्वत्र घृणा से देखा गया, और उसके कारण सर्वत्र उसे अवहेलना का पात्र बनना पड़ा । बहिन ने सब बात भाई को सुनाई । तब शिवभूति ने एक सिद्धान्त बनाया कि स्त्रियों को नग्न नहीं रहना चाहिए । और साथ में यह भी जाहिर कर दिया कि स्त्रियां मोक्ष | में नहीं जा सकतीं । मोक्ष में जाने के लिए पुरुष चोले की आवश्यकता है । इसके अतिरिक्त, शिवभूति ने मूर्ति पूजा आदि अन्य भी अनेकों सिद्धान्तों की कल्पना की और बहुत से लोगों को अपना अनुयायी बनाया । धीरे-धीरे शिवभूति ने एक स्वतन्त्र संघ बना डाला । यही संघ श्रागे चलकर दिगम्बर सम्प्रदाय के रूप में परिवर्तित हो गया । इस तरह महावीर - निर्वाण के ६०६ वर्ष अनन्तर दिगम्बर सम्प्रदाय का प्रादुर्भाव हुआ । .. ७०८ प्रश्न –— स्थानकवासी परम्परा की मान्यता के अनुसार भगवान महावीर नग्न थे या वस्त्रधारी ? 7 उत्तर - स्थानकवासी मान्यता के अनुसार भगवान महावीर वस्त्रधारी भी थे और वस्त्ररहित भी । भगवान महावीर के जीवन में संचेलक और अचेलक दोनों ग्रवस्थाएं रही हैं । जब महावीर दीक्षित हुए, राज्यसिंहासन का परित्याग कर विश्वकल्याण के लिए सांधु बने, उस समय शकेन्द्र महाराज ने भगवान को एक वस्त्र दिया था, उस वस्त्र को देवदृष्य कहते हैं । यह वस्त्र भगवान के पास १३ मास तक रहा। उस के अनन्तर उन के पास वह वस्त्र नहीं रहा । आधा फाड़ कर स्वयं उन्होंने एक ब्राह्मण को दे दिया था, शेष आधा वस्त्रखण्ड एक झाड़ी में उलझ जाने से वहीं छोड़
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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