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________________ (घ) पृष्ठ ० विषय .. पृष्ठ ... विपय... भगवान पद्मप्रभ . ६१९ भगवान मुनिसुव्र भगवान सुपार्श्वनाथ . . , भगवान नमिनाथ . ६२८ भगवान चन्दप्रभ . ६२० भगवान अरिष्टनेमि . . . ६२८. न पार्श्वनाथ भगवान सुविधिनाथ भगवान पार्श्वनाथ.. ६३० . भगवान शीतलनाथ...६२१ भगवान महावीर ६३६.. भगवान श्रेयांसनाथ , शरीरगत ऊंचाई ६४७ .. भगवान वासुपूज्य. ....६२२ सागरोपम क्या अर्थ है ? ६४७ 'भगवान विमल नाथ. . . ६२२ धनुष किसे कहते हैं ? : ६४८ भगवान अनन्त नाथ ६२२ मनुष्य की देह और आयु ६४८ भगवान धर्म नाथ ...६२३ की महानता कैसे सत्य .. भगवान शान्ति नाथ....६२३ मानी जाए ? .. भगवान कुन्थुनाथ .. ६२४ आयु की और शरीर की ६५८ - भगवान अरनाथ - ६२४ महानता सत्य है - भगवान मल्लिनाथ ६२५ वरनार्ड शाह और जैनधर्म ६६१ - स्थानकवासी और अन्य जैन सम्प्रदाएं चतुर्दश अध्याय स्थानकवासी का अर्थ - ६६. स्थानकवासी प्राचीन हैं ? ६७१. भाव स्थानक... ६६४ महावीर की शिष्य परम्परा ६७३ स्थानकवासी को दूण्ढक ६७० पूज्य श्री सुधर्मा स्वामी ६७३ कहा जाता है . पूज्य श्री जम्बू स्वामी . ६७५ ..
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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