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विषय
अपरिग्रह प्रवृत्ति-निवृत्ति ईर्या -समिति
भाषा समिति
एषणा समिति
ग्रादानभाण्डमात्र निक्षेपण
'समिति
उच्चारप्रस्रवण... समिति
तीन गुप्ति
उपकरण
जिनकल्प
'स्थविरकल्प
(.ग )
मुखवस्त्रिका वर्तमान युग और मुख- ५८०
वस्त्रिका
पृष्ठ
५५५ आधार
५५७ दिन रात मुखवस्त्रिका का ५८३
५५८ बांधना क्यों ?
५५९ सभी साधु मुखवस्त्रिका ५८५ ५६० का प्रयोग करते हैं ?
५७३
मुखवस्त्रिका और सम्मूच्छिम ५८७
जीव
५७४
मुखवस्त्रिका का मान
५८८
५७५ मुखवस्त्रिका साधु और ५८९ ५७५ गृहस्थ दोनों के लिए है ?
५८९
५७६ रजोहरण ५७७ किस चीज़ का होता है ५९१ ५७८ सभी जैनसाधु इसे रखते हैं ? ५९२
विषय
चौबीस तीर्थंकर ५९७
तीर्थंकर का अर्थ तीर्थंकरत्व कैसे संभव है ? ५९९ ईश्वरीय अवतार होते हैं ? ६०१
तीर्थंकर और अवतार
कव होते हैं ?
आत्मा एक या पृथक् २४ ही क्यों ?
जीव रक्षा का शास्त्रीय ५८२ दिन और रजोहरण
सदा साथ रखा जाए या ५९३ आवश्यकता पड़ने पर
त्रयोदश अध्याय
उनके नाम
कालकृत अन्तर
भगवान ऋषभ देव भगवान अजित नाथ
==
पृष्ठ
६०-१
६०२
भगवान संभव नाथ
६०४ भगवान अभिनन्दन नाथ
६०४ . भगवान सुमतिनाथ
५९३
६०५
६०६
६०८
६१७
६१८
६१८
६१६