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चोसम सत ( पचमो उद्देसो)
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६२ असुरकुमारा दस ठाणाइ पच्चणुब्भवमाणा विहरति, त जहा - इट्ठा सद्दा, इट्ठा रूवा जाव इट्ठे उट्ठाण -कम्म-बल-वीरिय- पुरिसक्कार- परक्कमे । एव जाव थणिकुमारा ॥
६३ पुढविक्काइया छट्टाणाइ पच्चणुब्भवमाणा विहरति त जहा - इट्ठाणिट्ठा फासा, ट्ठा गती, व जाव पुरिसक्कार - परक्कमे । एव जाव वणस्सइकाइया ॥ ६४ बेइदिया' सत्तट्ठाणाइ पच्चणुभवमाणा विहरति, त जहा - इट्ठाणिट्ठा रसा, सेस जहा एगिदियाण ॥
६५ तेइदिया अठ्ठट्ठाणाइ पच्चणुव्भवमाणा विहरति, त जहा - इट्ठाणिट्ठा गधा, सेस जहा बेइदियाण ॥
६६ चउरिदिया नवद्वाणाइ पच्चणुब्भवमाणा विहरति, त जहा - इट्ठाणिट्ठा रुवा, से जहा तेsदियाण ॥
६७ पचिदियतिरिक्खजोणिया दस ठाणाइ पच्चणुब्भवमाणा विहरति, त जहाइट्ठाणिट्ठा सद्दा जाव पुरिसक्कार - परक्कमे । एव मणुस्सा वि, वाणमतर - जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा ।
देवस्स उल्लघण - पल्लंघण-पदं
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६८. देवे ण भते | महिड्ढीए जाव' महेसक्खे' बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू तिरियपव्वय वा तिरियभित्ति वा उल्लघेत्तए वा पल्लवेत्तए वा ?
*नो इणट्ठे समट्ठे ॥
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६६. देवे ण भते । महिड्ढीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू तिरिय पव्वय वा तिरियभित्ति वा उल्लघेत्तए वा • पल्लवेत्तए वा
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हता पभू ॥
सेव भते । सेव भते । त्ति' ॥
१ वेंदिया (व) |
२ भ० १।३३६ ।
३. महेसक्के (ब) ।
४. गोनो ( अ, ख ) ।
५ स० पा० - तिरिय जाव पल्लवेत्तए ।
६ भ० १।५१ ।