SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 687
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६२६ भगवई ७. परपरोववन्नगा ण भते ! नेरइया कि नेरइयाज्यं पकरेंति जाव देवाउयं पकरेति ? गोयमा । नो नेरइयाउय पकरेति, तिरिक्खजोणियाउय पकरेति, मणुस्साउयं पिपकरेति, नो देवाउय पकरेति ॥ अणतर-परपर-अणुववन्नगा ण भते ! नेरइया किं नेरइयाउय पकरेति - पुच्छा । गोयमा । नो नेरइयाउय पकरेति जाव नो देवाउय पकरेति । एव जाव वेमाणिया, नवर - पचिदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य परपरोववन्नगा चत्तारि विप्राउयाइ पकरेति । सेस त चेव || 8 नेरइया ण भते ! किं प्रणतरनिग्गया ? परपरनिग्गया ? अणतर- परपरअनिग्गया ? गोयमा | नेरइया प्रणतरनिग्गया वि, 'परपरनिग्गया वि", अणतर-परंपरनिग्या वि ॥ ८ १०. से केणट्टेण जाव अणतर- परपर अनिग्गया वि ? गोयमा । जेण नेरइया पढमसमयनिग्गया ते ण नेरइया प्रणतरनिग्गया, जे ण नेरइया अपढमसमयनिग्गया ते ण नेरइया परपरनिग्गया, जेण नेरइया विग्गहगतिसमावन्नगा ते ण नेरइया प्रणंतर परंपर- अनिग्गया । से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव अणतर - परपर प्रनिग्गया वि । एव जाव वेमाणिया || I नेरइया कि नेरइयाउयं पकरेति जाव देवाउय ११. अणतरनिग्गया ण भते । पकरोति ? गोयमा | नो नेरइयाउय पकरेति जाव नो देवाउय पकरेति ॥ १२ परपरनिग्गया ण भते । नेरइया कि नेरइयाउय पकरेति – पुच्छा 1 गोयमा ! नेरइयाउय पिपकरेति जाव देवाउय पिपकरेति ॥ १३ अणतर-परपर-अनिग्गया ण भते । नेरइया – पुच्छा । गोयमा । नो नेरइयाउय पकरेति जाव नो देवाउय पकरेति । निरवसेस जाव वेमाणिया || १४. नेरइया ण भते । किं अणत रखेदोववन्नगा ? परपरखे दोववन्नगा ? प्रणतरपरपर-खेदाणुववन्नगा ? गोयमा ! नेरइया प्रणतरखेदोववन्नगा वि, परपरखेदोववन्नगा वि, प्रणतर १. जाव ( अ, क, ख, ता, व, म, स ) । २. ० खेत्तोववन्नगा (क, व), खेतोववन्नगा (ता) 1
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy