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दुस्समदुस्समा-पद-११७, सवुडस्स किरिया-पद १२५, काम-भोग-पदं १२७, दुबलगरीरस्स भोगपरिच्चाय-पद १४६, अकामनिकरण-वेदणा-पद १५०, पकामनिकरण-वेदणापद १५३, मोक्ख-पद १५६, हत्यि-कुयु-जीव-ममाणत्त-पद १५८, सुह-दुक्स-पद १६०, दसविहसण्णा-पद १६१, नेरइयाण दसविहवेदणा-पद १६२, हत्वि-कुथूण अपच्चपरवाणकिरिया-पद १६३, अहाकम्मादि-पद १६५, असवुड-अणगारम्म विउवणा-पदं १६७, महासिलाकटरमगाम-पद १७३, रहमुसलसगाम-पद १८२, वरण-नागनत्तुय-पद १६२, वरुणनागनत्तुय-मित्त-पद २०४, कालोदाइ-पभितीण पचत्यिकाए मदेह पद २१२, कालोदाइस्स समाहाणपुव पव्वज्जा-पद २१७, कालोदाइस्स कम्मादिविसए पसिण-पद २२२ ।
अट्ठमं सतं सू० १-५०४
पृ० ३१५-३६७ पोग्गलपरिणति-पद १, पयोगपरिणति-पद २, पज्जत्तापज्जत्तं पडुच्च पयोगपरिणति-पदं १८, सरीर पदुच्च पयोगपरिणति-पद २७, इदिय पदुच्च पयोगपरिणति-पदं ३२, सरीर इदिय च पडुच्च पयोगपरिणति-पद ३५, वण्णादि पदुच्च पयोगपरिणति-पद ३६, सरीर वण्णादिं च पडुच्च पयोगपरिणति-पद ३७, इदिय वण्णादिं च पडुच्च पयोगपरिणतिपद ३८, सरीर इदिय वण्णादि च पडुच्च पयोगपरिणति-पदं ३६, मीसपरिणति-पद ४०, वीससापरिणति-पद ४२, एग दब्ब पदुच्च पोग्गलपरिणति-पद ४३, पयोगपरिणति-पद ४४, मणपयोगपरिणति-पद ४५, वइपयोगपरिणति-पद ४८, कायपयोगपरिणति-पदं ४६, मीसपरिणति-पद ६५, वीससापरिणति-पद ६७, दोण्णि दव्वाइ पडुच्च पोग्गलपरिणति-पद ७३, तिण्णि दव्वाइ पडुच्च पोग्गलपरिणति-पद ७६, चत्तारि दव्वाइ पडुच्च पोग्गलपरिणतिपद ८२, आसीविस-पद ८६, छउमत्थ-केवलि-पद ६६, नाण-पद ९७, जीवाण नाणि-अण्णाणित्त-पद १०४, अतरालगति पडुच्च १११, इदियं पडुच्च--११५, काय पहुच्च-११८, सुहम-वादर पडुच्च-१२०, पज्जत्तापज्जत्त पडुच्च-१२३, भवत्य पडुच्च-१३१, भवसिद्धियामवसिद्धिय पडुच्च-१३५, सण्णि-अमणि पडुच्च--१३८, लद्धि-पद १३६, नाणद्धि पदुच्च-नाणि-अण्णाणित्त-पद १४७, दसण पडुच्च-१५६, चरित्त पडुच्च-१६१, चरित्ताचरित्त पडुच्च-१६३, नाणाइ पडुच्च-१६४, वालाइवीरिय पदुच्च--१६४, इदियं पडुच्च-१६६, उवउत्ताण नाणि-अण्णाणित्त-पद १७२, जोग पदुच्च-~-१७६, लेस्स पडुच्च-१७७, कसाय पडुच्च-१७६, वेद पडुच्च-१८१, आहारग पदुच्च-१८२, नाणाण विसय-पद १८४, नाणीण सठिइ-पद १६२, नाणीण अतर-पद २००, नाणीण अप्पावहुयत्त-पद २०५, नाणपज्जव-पद २०८ नाणपज्जवाण अप्पावहुयत्त-पदं २१२, वणस्मड,पद २१६, जीवपएसाण अतर-पद २२२, चरिम-अचरिम-पदं २२४, किरिया-पद २२८, आजीवियसदव्भे समणोवासय-पद २३०, समणोवासगकयस्स दाणस्स परिणाम-पद २४५, उवनिमतितपिंडादि परिभोगविहि-पद २४८, आलोयणाभिमुहस्स आराहय-पद २५१,