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________________ ४१६ भगवई होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पकप्पभाए होज्जा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे पकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे पकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पकप्पभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे पकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे पकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा'। ६१ चत्तारि भते । नेरइया नेरइयपवेसणएण पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ?-पुच्छा। गगेया | रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए तिण्णि सक्करप्पभाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा, एव जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिण्णि अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होज्जा, एव जाव अहवा दो रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा तिण्णि रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा, एव जाव अहवा तिण्णि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे सक्करप्पभाए तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा, एव जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहि सम त्रारिय तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाहि सम चारेयव्व, एव एक्केक्काए सम चारेयव्व जाव अहवा तिण्णि तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो पकप्पभाए होज्जा, एव जाव एगे रय १ विसयोगजा भङ्गा ३५ ॥ २. द्विसयोगजा भङ्गा ६३ ।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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