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छवीसइमं सतं __पढमो उद्देसो
नमो सुयदेवयाए भगवईए १. जीवा य २. लेस्स ३. पक्खिय, ४ दिट्टि ५ अण्णाण ६ नाण ७ सण्णायो।
८. वेय ६. कसाए १० उवयोग ११ जोग एक्का रस वि ठाणा ॥१॥ जीवाणं लेस्सादिविसेसितजीवाणं च बंधाबंध-पदं १ तेण कालेणं तेणं समएण रायगिहे जाव' एव वयासी-जीवा ण भते । पावं
कम्म किं वधी बधइ बधिस्सइ ? बधी वधइ न वधिस्सइ ? वधी न वधइ बंधिस्सइ ? बधी न बधइ न बधिस्सइ ? गोयमा । अत्थेगतिए वधी वधइ बधिस्सइ, अत्थेगतिए वधी वधइ न वधिस्सइ,
अत्थेगतिए बधी न बधइ बधिस्सइ, अत्यंगतिए वधी न वधइ न वधिस्सइ ।। २ सलेस्से ण भते । जीवे पाव कम्म कि वधी वधइ वधिस्सइ ? बधी वधइ न
बधिस्सइ-पुच्छा।
गोयमा | अत्यंगतिए बधी बधइ बधिस्सइ, अत्थेगतिए एव चउभगो ।। ३ कण्हलेस्से ण भते ! जीवे पाव कम्म किं बधी-पुच्छा।
गोयमा । अत्थेगतिए बधी बधइ वधिस्सइ, अत्थेगतिए वधी बधड न वधिस्सइ । एव जाव पम्हलेस्से । सव्वत्थ पढम-बितियभंगा। सुक्कलेस्से जहा
सलेस्से तहेव चउभगो।। ४. अलेस्से ण भते ! जीवे पाव कम्म कि बधी-पुच्छा।
गोयमा ! वधी न बधइ न वधिस्सइ ।। ५ कण्हपक्खिए ण भते । जीवे पावं कम्म-पुच्छा।
गोयमा । अत्यगतिए बधी, पढम-वितिया' भगा ॥
१. भ० ११४-१०।
___२. बीया (ता)।
ওঃ