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________________ I 3 सो जिस प्रकार जीव मनुष्य गति म आता है ठीक |-- उसी प्रकार जीन स्वकीय कर्मों के माहात्म्य से देवयोनि में भी चला जाता है । } ८५ }}} 1 प्रश्नः देवयोनि कितने प्रकार से वर्णन की गई है ? उत्तर:- चार प्रकार से । प्रश्न – ये चार प्रकार की देवयोनि कौन कौनसी हैं ? उत्तरः -- भवनपति, वानव्यतर, ज्योतिषी और वैमानिक देव यही चार प्रकार की देवयानी कथन की गई हैं क्योंकि उक्त चारों जातियों के देवों में जीव म्बसकर्मों के अनुसार उत्पन्न होते रहते हैं । प्रश्न उक्त देवों के उत्तर भेद कितने प्रकार से वर्णन किये गए हैं ? गए है । उत्तर -युक्त प्रकार के देवों के उत्तर भेद १९८ प्रतिपादन किये गये है। जैसे कि दस प्रकार के भवनपति देव है- यथा -- असुर कुमार १ नाग कुमार सुवर्ण कुमार ३ विद्युत कुमार ४ अभि कुमार ५ द्वीप कुमार ६ उदधि कुमार ७ दिक कुमार ८ पवन कुमार ' ९ स्तनिन कुमार १० । - J M इसी प्रकार २६ प्रकार के वानन्यतर देव क्भव किये
SR No.010865
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherJain Swarup Library
Publication Year
Total Pages210
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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