________________
fin R.
गानि । भिOTRArr .
me अपा! परम धर्म र पापों को ही ' पामा ४ औदाकि पल
दार प्रपा अथात् mir मा मो. गया जो माम शि भादि मे सामा।
५ पश्यि हो? ___vग भोक और विपित्र पा ६ आ गि काम है?
प्राणि दया, मायरों की प्रसिपा मा, मम पात्र বা “বাননা, মনে ৫। গুৰি যাম দাস না
दर पूपधारी मुनिगा योग पर जो at पना। 37 आहारप परीर को है। ७ गेजम पारी फिमे पहते हैं।
आवारिक पेत्रिय शरीर को सेज (शाति) देवाण आधार का पचाने वाला और संगारेश्या का साया जा शरीर कहलाता है।