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उचरदेय परपस के विधने | मेद । कौन २ से है।
प्राधि शाम ना इर्षि देश मत्पन और मना पा
बाम मो इन्द्रियदरा प्रत्यक्षा भवपि पान देश प्रस्पर नीपि पदार्यमा उनको पिस कावे ।
अपने मान में मस्पस वसा १ किमत ना पर्मादि पर सना पर मपम जान
| मत्पन्न नही देखा। पना पर्याप हान देश मा-मम पर्यागें सभी प्रस्पन किसे पावरे। मान सेवा र पर्यावों
का (भाषा) भामता है। मा इन्द्रिय म मस्पर शान ना इन्द्रिय सर्व मस्पष बिसेबारे।
शान चल ज्ञान का नाम है क्योंकि- पल शान |पापि मार में सवार इसी गान
पासा | भोर सर्पदी जाये।