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( १ सपी मापामों में रो गाई पिस से मैन पर्मा पास पवि दिन सारे पैन पर्प मचा मौर एव से सपनर के बड़े २म रिपेरेंपो संसार में पर पर्मों से पतष माम् काम सुरूप पर मी हिराई कास पर्म ने
(पहिंसा का सघा भादर्श) पण सामन रस्सत हुप इसका सपमेर पूर्ण पालन मी किण िfiसाश निवास बोगी । पूर्ण मासिक पगया यही कारण पाकिस बम पर पड़ी २ मापत्तियो भाई पातु पा फिर मी प्राम सानीविन पोर माएर त -
जैन कुमार की प्रेमभरी भावना
ऐ सपा मममी पाखविमा । इस संसार पार पन में बादास मरा उमारे॥
स स क पटन डी गण गान मामार। पापोमा मर परी पर मारना॥