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भशुम कर्मों के भाभी फल होते, मिस प्रकार मामी धर्म करते है मापकों के फल मी ससी पकार मागते हैं।
हे मम्प जीवों ! तुम कभी भी पर्म कार्यों में भावस मव फगे। पर समय मा पुनः मिखा पति कठिम हैमार्प देश, पार्य सत्तम सानन, शरीर निरोम, पापों इम्पि पूर्ण, पए की संगति इस्पाहि मो माप
गों मामग्री प्राप्त होइस पे पर्म वाम सो भोर राम पमे पहील-किसी में भी प्रम्पार्य में पौष न दिया माये ममा पर न्याय प्रदेश मनपा परमा पही राणों का मुरुप पर्म है परन्तु ममा पर तब
पाप से पर्मान हो सपना रेप राम लोग अपने सार्य, पौर म्पसनों को मार दवें।
रे देगनु पयो ! मनुष्प मम्म, शास्त्र माण, पर्म पर विश्वास-भीर शम्मानुसार प्रापरण, भर पा पारों मर पीर का माप्त हो मा । तरो भाष मोसमावि र सकता है। इस बार परिष पदेश सम पर समा सम्पन्न मसमा फिर यपा राकिमिपमारिलोगों मेंपारण रिपे । रामा कार्पित वा मा ममाम्
पंदना करके अपने रायं परमों में पा गया।