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(( " पापा मार ऐसा शाम्स मप पा किस पर रोम माग मी झोप मही, पिया पम्हि पर पिचारा पिपा मेरे हो बों फहरो जब भी पार गारे समे इस से पसायमाम नही रोमा चाहिये इसका प्रम समे गिराना है और मेरा पम्प अपने प्यान में बने राना पेमा स्पास करते हुये मरिग अपमे जाम में ही भर पाप के पन मेसोपासी प्रमार भी दिवा नही सका तो रदास सा रोकर बाम गा इसने में भगवान् का पान पूसे हो गया पमात् भाप ने इस देव से पा किदा तुम राम को ऐराशन में बोया दसर कि मेरे पास माया भौर पर माती ही नही बनिक पोम पोर मा सादर मे इन शब्दों को मना और मन पर कहा कि मगबन् या से मगन् न कालिदा सम मा मेरे पास माया
पापम कम उपदेश को मम पर खाम ग वारे निस से पा सति का अधिकारी पर बावा है परन्तु
मेरे पास में माप्त पन्त हर महान् भएम मों सम्पन दिपा मिसका फल मे पिरावास मोममा होगा इस प्रकार भाप इस देवरे व विव