SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 392
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६८ रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् क्रीडागिरिनिकुञ्जेषु पुष्पशव्यागृहेषु वा। रमन्ते त्रिदशा यत्र वरस्त्रीवृन्दवेष्टिताः ॥ १०॥ अर्थ-तथा उन खर्गाके देव क्रीडापर्वतोंकी कुंजोंमें, पुप्पलतादिकृत कंदराओंमें पुष्पोंकी शय्यामें सुन्दर देवांगनाओंके समूहके साथ वेष्टित होकर नाना प्रकारकी आनन्दक्रीडा करते हैं ॥ १००॥ मन्दारचम्पकाशोकमालतीरेणुरक्षिताः। भ्रमन्ति यन्त्र गन्धाढ्या गन्धवाहाः शनैः शनैः ।। १०१॥ अर्थ-उन ख!में मंदार, चम्पक, अशोक, मालतीके पुप्पोंकी रजसे रंजित भ्रमरों. सहित मन्द मन्द सुगन्ध पवन बहता है ॥ १०१ ॥ लीलावनविहारैश्च पुष्पावचयकौतुकैः । जलक्रीडादिविज्ञानैर्विलासास्तत्र योपिताम् ॥ १०२॥ अर्थ-तथा उन वर्गों में देवांगनाओंके विलास, क्रीडावनके विहारोंसे तथा पुप्पोंके चुननेके कौतुकसे तथा जलक्रीडाके विज्ञानोंसे (चतुराइयोंसे) बड़ी शोभा है ॥ १०२ ॥ वीणामादाय रत्यन्ते कलं गायन्ति योपितः । ध्वनन्ति मुरजा धीरं दिवि देवाङ्गनाहताः ॥ १०३ ॥ अर्थ-तथा उन ख!में देवांगनायें संभोगके अन्तमें वीणा लेकर सुन्दर गान करती हैं तथा उनके बजायेहुए मृदंग धीरे २ बजते हैं ॥ १०३ ॥ कोकिलाः कल्पवृक्षेषु चैत्यागारेषु योषितः । विबोधयन्ति देवेशांल्ललितैर्गीतनिःस्वनैः ॥ १०४ ॥ अर्थ-तथा उन वर्गों में कल्पवृक्षोंपर तो कोकिलायें और चैत्यमन्दिरों में देवांगनायें सुन्दर गीत और शब्दोंसे इन्द्रोंको जगाती करती हैं ॥ १०४ ॥ नित्योत्सवयुतं रम्यं सर्वाभ्युद्यमन्दिरम् । सुखसंपद्गुणाधारं कैः खर्गमुपमीयते ॥ १०५ ।। अर्थ-प्रत्येक वर्ग नित्यही उत्सवोंसहित है, रमणीक है, समस्त अभ्युदयोंके भो. गोंका निवास है तथा सुख, संपदू और गुणोंका आधार हैं सो उसको किसकी उपमा दी जाय ? ॥ १०५ ॥ पञ्चवर्णमहारत्ननिर्माणाः सप्त भूमिकाः। प्रासादाः पुष्करिण्यश्च चन्द्रशाला वनान्तरे ॥ १०६ ॥ अर्थ-तथा उन वर्गों के बागोंमें पांच वर्षों के रनोंसे बने हुए सात सात खनके महल हैं और वापिका तथा चन्द्रशाला ( शिरोगृह-अंटे ) हैं ॥ १०६ ॥
SR No.010853
Book TitleGyanarnava
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Baklival
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1913
Total Pages471
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy