________________
प्रेमी-प्रभिनदन-प्रथ
५६२
बाघ संघ वितर घणा, भूइ बोहती चालइ रे, चालह नइ सालइ वरसारस घणु ए. नइ नाला पूरइ वहs, पटुलडी भोजद रे, भीजइ नइ खीजह चोंकण लपसणइ ए
समसमापुरि तिणि मूकीउ, तिहा छह रथपूर्ण राउ, नित विनोद कउतिग करइ, हुडिक नामइ सिद्ध; सूरिज 'परस केलवइ अभिनवु दा 'प्रसिद्ध. हरिमित्र बहूउ तिहा गउ, मिलिउ ते हुउ सूयार,
तापस परि तप घट्ट करी प्रतिबोध्या छइ तापस रे, ११५ लाष सोना तिणि श्रापीउ अनइ एकाउलि हार. १३०
तापस नइ पाय सर्व मइ निरजणिया ए चन्द्रयशा मासी मिली, सषी अचलपुरि पुहती रे, पुहुती नइ वहिती कुडिनपुरि गइ ए भीमराय बोलइ लेइ अग श्रतिघणु जोइ रे, जोइ नइ रोड, नलगुण साभरइ ए 'तात, जो आवु नल धणी, मूं जीवी छह काज रे, काज नइ आज ज त ज मोकलु ए. ' (हिव घुवुल)
अहमदाबाद]
१२०
जव छाडी नल साचरिउ, दव परजलउ नाग काढता करि श्रहि डसिउ, सूका छइ हाथ नइ पाग बीला वे तस श्रापीया तातिक कोउ पसाउ. १२५
इंडिक तेढेवा कारणि सयवर कूडउ रचीउ; प्रश्वरिय हुड जपइ, रिथपूर्ण त्रिहु पुहुरे जाइ. रियपूर्ण मोलीयडउ पडिउ, 'कूवडा, रथ हवइ राखे'. 'पचवीस जोयण ते छाडिउ, रथिपूर्ण, वात म करिये.' प्रश्वरिदये हुडउ जप, सष्या नल नइ दोघी. १३५
राजह लेवा कारणि नलनूं काज ते सीघु, भीमइ ऋतिपर्ण रायुनइ भलउ प्रवेस ते दीघउ. (ढाल )
कर जोडी श्रवला वीनवद्द, 'विरह- दवानल काइ तू दहिइ ? दासी तह्मारी हू छु नाथ, दुषि सागर पड ता दइ हाथ, सुपुरिसन नही ए श्राचार, छाडइ जे निरघारु; १४०
नारि तणा नीसासा पडइ, घणा जन्म ते नर रडवडइ.' रूप प्रगट करइ नल वर राउ, दमयती नइ मनि उच्छाह. भीमराय रलीनाइत थउ, निषधइ नयरि राजा नल गयु नलराय जीतू प्रथवीराज, कूबर कीधु जेणइ युवराज; धवल मगल परि घरि उच्छाह, नलह नरिद हुउ पहुवी नाह. साते क्षेत्र धन वावरs, दुषीत्रा पीडचा नइ ऊघर, निकरा करिया ते सघला लोक, पृथ्वी वत्तिउ पुण्यश्लोक. बार घडी जिइ उघउ लीघ, बार बरस तीणइ वरहु कीध, पुत्र राजि वइसारी करी, नल-दवदती संयम वरी. क्षमा सरसां वे तप करइ, भ्रष्ट कर्म सवेगइ तरह. देवलोकि बेह सुरवरह, सयल सघनइ प्राणद करइ. भणइ, भणावइ, जे साभलिइ, श्रेष्ट महा सघि तेह घरि फलइ, जे भसइ नर नइ नारि, नव नधि तेह तणइ घर बारि
इति नलदवदती चरित्र समाप्त ॥ भुवनवल्लभगणि' लषित ॥
१४५
72
१५०
'इस जगह मूल प्रति का किनारा घिस जाने से एकाध अक्षर लुप्त होगया मालूम होता है । प्रतिलिपिकर्त्ता का नाम पीछे से किसी ने मिटाने का प्रयत्न किया है। फिर भी कोशिश करने पर वह
पढ़ा जाता है ।