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नल दवदन्ती चरित्र
मारगि चोरे रथ हरउ ए, नल नारिसिउ पालउ साचरिउ ए प्रिय पूठिइ पाली पलइ ए, त्रपा भूपइ दवदती टलविलइ ए फहु, 'प्रिय पीहर फेतलइ ए ?' 'इणि वडि वीसामउ तेतलइए' दवदती य पढइ साथरइ ए, नल ऊढणउ ऊपरि पाथरह ए. चीतवइ नल, 'नारिसिउ ए, हिव सासरइ सइ मुहि जाइसिउ ए' सूती अवला एकली ए, जउ दोहिलउ होसइ तु मूकिसउ ए' चोर चोरी पायउ रहिउ ए, नलिइ पीहरनउ मारग कहिउ ए, पाछिली रातइ नीसरइ ए, दवदती य समणडउ अणसरह ए. फल पाती थई प्राकली ए, जागी तउ प्रिय-सारथि टली ए.
(सामान वन्ननउ ढाल) वववती पहबद्द पडइ, सपी अगज मोडइ रे, मोडई नइ ब्रोडइ हार हीमा तणु ए. घरह दावानल प्राफुली, सपी 'प्रिय प्रिय' भाषइरे, भाषइ नइ दापइ, 'कत, किहा गयु ए? वनदेव, तुम्ह वीनवउ, सषा नलवर दापउ रे, दापउ नइ भापर कत किहा गउ ए? चद सूरिज साचू कहु मोरउ जीवन जाणउ रे, जाणउ नइ पाणउ वर. वेगिइ फरी ए रूप सोभागइ पागलु, सुरकन्या कइ लीधर रे, लीघउ नइ दीघउ दाघ हीइ घणु ए. फइ वनि दाधा दव घणा, सर फोडीय पाल रे? पालइ नइ डालि मोडी तस्यर तणी ए ? रपिसताप्या कइ घणा, कइमइ दीघा छइपाल रे? पाल नइ बालक माय विछाहीया ए? नल वाल्हा विण हे सपी, किम यौवन जासिह रे ? जासह नइ थासिइ अग अगारूमा ए नर नइ नारी जोडि फरी, सखी, सष्ट नीपाइ रे, पाइ नइ भाइ काइ करी एकली ए? फिस्या उलभा दैव दिउ ? सपी मूं क्रम छ। कूडू रे, कूडउ नइ रुडउ शील न पालीउ ए एक वरि मोरी वीनतडी सुणि सुदर लाडण रे, लाडण नइ माडण नारि न नाहलू ए. धणी विहूणी धरणि ढली, सषी मुपि मूकती सासरे सास नइ पास टली जीवह तणी ए पीहरि पुहुती प्रिय तणी मइ वाहर जउ फरवी रे, वाहर नइ थाहर अने थि{ नहीं ए.
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