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________________ जैन-प्रयों में भौगोलिक सामग्री और भारतवर्ष में जन-धर्म का प्रसार २५९ शिवा उज्जयिनी के राजा प्रद्योत के माथ, ज्येष्ठा महावीर के बडे भाई नन्दिवर्वन के माय और चेल्लना राजगृह के राजा श्रेणिक के नाय व्याही गई थी। चेटक की वहिन त्रिगला महावीर की मां थी। महावीर के वैगाली में वारह चातुर्मान किये जाने का उल्लेख कल्पमूत्र में आता है। डॉक्टर होनाल के अनुसार वाणियगाम वैशाली का इमरा नाम है। __ १३ वत्स (कौगांवी) वत्स को वौद्ध ग्रन्यो में वग के नाम से कहा गया है। प्रयाग के आसपास की भूमि को वत्स देश माना जाता है। कौशाम्बी (कोनम) जमना के किनारे अवस्थित या। यहां महावीर, आर्य मुहस्तिन् और आर्य महागिरि ने विहार किया था। कोसबिया नामक एक जैन-श्रमणो को प्राचीन भाता थी। राजा शतानीक कौशाम्बी में राज्य करता था। एक बार उज्जयिनी के राजा प्रद्योत ने कौशाम्बी पर चढाई की। राजा शतानीक अतिमार से मर गया और रानी मृगावती ने प्रद्योत की मलाह से अपने पुत्र उदयन को राजगद्दी पर बैठाकर स्वय महावीर के पास जाकर जैनदीना वारण की। १४ गाडिल्य (नन्दिपुर) नडिन्म अथवा नाडिल्य को राजधानी नन्दिपुर थी। नन्दिपुर का उल्लेख विपाकमूत्र म मिलता है। कथाकोग के अनुसार मन्दर्भ देश में अवस्थित नन्दिपुर के राजा का नाम पद्मानन वताया गया है। अवध में हरदोई जिले में नडीला नामक एक स्थान है, यह प्राचीन गाडिल्य हो मक्ता है। १५ मलय (भद्दिलपुर) मलय मगव के उत्तर में अवस्थित था और मम्भवत यहां कपडे बहुत अच्छे बनते थे।' मलय देश की पहचान पटना के दक्षिण और गया के दक्षिण-पश्चिमी प्रदेश में की जाती है। गया जिले में अवस्थित हरवारिया और दन्तारा गांवो के पाम के प्रदेश को भद्रिलपुर माना जाता है।" १६ मत्स्य (वैराट) मल्य (अलवर) की राजधानी वैराट थी। देहली से दक्षिण-पश्चिम की ओर १०५ मील तथा जयपुर से ४१ मील उत्तर में अवस्थित प्रदेश को वैराट माना जाता है। 'आवश्यक चूणि, २, पृ० १६४ इत्यादि 'वही पृ० ५.१२३ 'उवासकदसा प्रो, पृ० ३ नोट * निशीथ चूणि, ५, पृ० ४३७ "कल्पसूत्र ८, पृ० २२६अ। 'अावश्यक टोका (मलय०), पृ० १०२ 'टॉनी (Tavney), पृ० १२४ ‘निशीथ चूणि ७, पृ० ४६७; अनुयोगद्वारसूत्र ३७ 'श्रमण भगवान महावीर, कल्याणविजय, पृ० ३८१ "वही, पृ० ३८०
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
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