________________
KANANDANTENNE are travail/NAR/INDANDANTUNGNEUNES
चैननकर्मचरित्र.
ॐ
Wim W HAI.
बहुरि पुनि जोर कर अतिहि धन धोर कर, मोहनृपचंद्र वातें चला। दोष पद आय तन अतिहि उपजाय घन, जीवकी फौज सन्मुन बगाव हंसकी फौजतें वान घममानके, गाजते वाजते चले गाढे ॥ मोहकी फौजको मारि हलेकारकरि, हेयोपादेयके भाव कांदे ॥ १५८ ॥ अष्टमद गजनिक हल्के हंकारि दें, मोहके सुभट सव घसत सूरे ॥ एकतें एक जोधा महा भिड़त हैं, अतिहि बलवंत मदमंत पूरे १५९ जीवकी फौज में सत्य परतीतके, गजनिक पुंज बहु धसत माते || मारिके मोहकी फौजको पलकों, करत घमसान मदमत्त आते १६०
मार गाढी मचे, सुभट कोड ना बचे, घात्र बिन खाये, दुहुं दलनमाहीं।।
एक ते एक योधा दुई दरनमें, कहते कछू ऊपमावनत नाहीं ॥ १६१ ॥ सात जे सुभट मूर्छित पड़ते भये, मोहने मंत्रकरि सत्र जियाये ।। आय इहिं जुङमहिं तिनहुको रुद्ध करि, जीवको जीत पीछे हटाये ॥ मिश्र सासदनहिं परसमिथ्यातमहि, उमगिकचहरि अत्रतहिं आयो। मारि घमसान अवसान खोये त्वरित, सातमें एक ढूंढ्यो न पायो १६३ सोरठा.
इविधि चेतन राय, युद्ध करत हैं मोहसां ॥
और सुनहु अधिकाय, अबहिं परस्पर भिड़त हैं ॥ १६४ ॥ मरहठा चंद्र. रणसिंग बजहिं, कोऊन भज्जहिं, करहिं महादोउ जुङ ॥ इत जीव हंकारहिं, निजपरवारहिं, करहु अरिनको रुद्ध. ॥ उत मोह चलावे, तब दल धावे, चेतन पकरो आज । इविध दोऊ दल, में कल नहि पल, करहिं अनेक इलाज ॥ १६५॥
(१) कारकर । (९) तीसरे गुणस्थान में । (3) दूसरे सासादनगुणस्थान में । (४) पहिनमिध्यात्वगुणस्थानको भी स्पचकरके । (५) चांबे गुणस्थान में ।
Panjang