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चिनजारा
तम
- उपर
संपत्त
भइ
खवारी
पहेले
पद
महनत
नहीं
एहने
दरव
भसम भुत
ज्यं
62. 4.
त्युं
एह
करी
भाइ
ल्युं
*हमकुं
ईसर
(८)
(९)
(१०)
बनजारा
तुम
ऊपर
संपत
भई
ख्वारी
पहले
तू पद
मिहनत
नहिं
इहने
दरव
भसमभूत
ज्यूं
त्यूं
इह
करि
३१
हम
(भाइ)
खातर
ताहां
करूं
जूली
देखें
इग
साहेबका
जिहां
होय के
होय
बहेरा
बाजे
केइ
भाई पहरे
यूं वैसे
कुं
हेरा
सबकुं
समजो
ईस्वर
* 'हमकुं' के स्थान में 'हमकूं' ।
(११)
(१२)
e
(भाई)
खातिर
तहँ
करूं
झूली
देखूं
इक
साहवका
जाँ
है
हूबै क
वहरा
वाजै
गहरा
क
पहरि
बेसे
कुं
सबकूं
समझो
.....