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भभूत
[१८७] अर्थ में तो साम्य पाया जाता है । 'प्रकृष्ट' में 'प्र+कृष्' धातु है यह ख्याल में रहे।
१४१. भभूत-भभूति-पवित्र भस्म । विभूति-बिभूति-भिभूति
भभूत ।
। भभूति पांचुं चोर-पांच इंद्रियों को 'चोर' रूप से बताया है।
'हुणी' का अर्थ अनवगत है। पाठ शुद्ध है वा अशुद्ध ?
... १४२. सींगी-सिंग' से बना हुआ वाहा । ... सं० शृङ्गिका प्रा० सिंगिआ-सिंगी-सोंगी ।
भजन ३७ वां १४३. तोलों-तब तक १४.४. वेर-समय
सं० वेला-
(वेर
वेळा (गुज०)
१४५. सिणगार-सिंगार
'सिणगार' का मूल शब्द 'शृङ्गार' है। उसके का 'इ. होने से सिंगार और 'सि' तथा 'ग' के बीच के टिक न