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(ग) से श्रमका प्रसार ज्यादा देखनेकी इच्छा होती है । यो आलोचनाको सहसा हाथसे मै छोड़ता नहीं हूं, फिर भी धर्मके व्यक्तियोंके प्रति मेरे मनमे सराहना हो आती है। धर्मके साथ सम्प्रदाय है, पंथ
हैं, कट्टरता है, रूढ़िवादिता है। इसके अलावा धर्मके विरोधमें ___ जो तर्क है उनको भी जानता हूं। फिर भी सराहना रुक नहीं
पाती है और ऐसा लगता है कि वहा कितनी भी राख हो, पर उस कारण चिनगारीका अपमान कैसे हो सकता है। ___ मुझे अंधेरा दीखता है। मुझे चिनगारी की खोज है। झमेला बहुत है और दल वहुत हैं जो प्रकाशको उतारनेका दम भरकर सामने आते हैं। उनके कर्तव्य रोज मैदानमे देखता हूं। उनसे अन्धेरा छटता नहीं दीखता। वहा चिनगारी होने का भरोसा मुझे नहीं होता। मालूम होता है वह सत्ताका परिवर्तन चाहते हैं और शेप परिवर्तन सत्ताको हाथमे लेकर उसके द्वारा करना चाहते है। बहुत सी योजनायें, लोक-मंगल और जनकल्याणकी योजनायें, पंड जुटानेमे जुटी है। वह तो सव देखता हूं, उन सत्र प्रयत्नोंके बारेमे नास्तिक हूं ऐसा भी नहीं, पर मन नहीं भरता। चिनगारीकी मांग उनके बाद भी रह ही जाती है।
तुलसीजी को देखकर ऐसा लगा कि यहा कुछ है, जीवन मूच्छित और परास्त नहीं है, उसकी आस्था है और सामथ्र्य है। व्यक्तित्वमे सजीवता है और एक विशेषप्रकारकी एकाग्रता, यद्यपि हठवादिता नहीं। वातावरण के प्रति उनमे ग्रहणशीलता है और दूसरे व्यक्तियो और समुदायोके प्रति संवेदनशीलता ।