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इसके अतिरिक्त अपने गुरुजन डा0 राजेन्द्र मिश्र (प्रो0 एव अध्यक्ष-शिमला विश्वविद्यालय) डा0 हरिशंकर त्रिपाठी, डॉ0 रामकिशोर शास्त्री, डॉ0 कौशल किशोर श्रीवास्तव, डा0 शकरदयाल द्विवेदी, डा0 राजलक्ष्मी वर्मा, डॉ0 मृदुला त्रिपाठी, डॉ0 ज्ञानदेवी श्रीवास्तव (प्रो0 एव अध्यक्ष) डॉ0 सुरेशचन्द्र पाण्डेय (भू0पू0 प्रो0 एव अध्यक्ष) डॉo सुरेशचन्द्र श्रीवास्तव (भू0पृ0 प्रो0 एव अध्यक्ष) डा0 नसरीन, डाठे मजुला वर्मा, डॉ0 हरिदत्त शर्मा, डॉ0 वीरेन्द्र कुमार सिह (सभी इलाहाबाद विश्वविद्यालय) के सुझाव, निर्दशन ओर सहायता के लिए उनके प्रति मै श्रद्धावनत तथा कृतज्ञ हूँ ।
डॉ बलभद्र त्रिपाठी (निदेशक-सस्कृत शोध सस्थान फैजाबाद) के प्रति आभार प्रकट करना मै अपना कर्तव्य समझती हूँ जो अनुसन्धात्री को सदा प्रोत्साहन एव सत्प्रेरणाएँ देते रहे । कविराज डॉ० जनार्दन प्रसाद पाण्डेय (साहित्य-विभागाध्यक्ष-बी0एन0 मेहता सस्कृत महाविद्यालय प्रतापगढ) से विषय की क्लिष्टता को दूर करने एव शोधप्रबन्ध की सम्पन्नता मे जो सहायता मिली वह अविस्मरणीय
डॉ० सोम प्रकाश पाण्डेय
- मुनीश्वरदत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय
प्रतापगढ) के प्रति भी मै अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ जिनसे मुझे प्रोत्साहन एव
अपेक्षित सहयोग मिलता रहा ।
प्रत्यक्ष एव परोक्ष रूप से शोध प्रबन्ध प्रस्तुत करने में जिन विद्वानों एव
सहृदय काव्यमर्मज्ञों का सहयोग रहा उनके प्रति भी मै अपना आभार प्रदर्शित करती हूँ ।