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________________ APPENDIX II. 81 - No. 10. Baraha Anuproksha Bhavani by Avadhu. Substance-Country-made paper. Leaves-3. Size-51 x 6 inches. Lines per page-14. Extent-45 Slokas. Appearance-old. Character---Nagari. Date of manuscriptBamvat 1825. Place of Deposit--Rama Gopala Vaidya Jāhāngirābād, Bulandasahar. ___Beginning.--प्रथ वारद पनुप्रेक्षा मावना लिष्यते अवघु कृत भावना। पवधू यू कहे हो धून मति मानही जीव ॥ सवै विनासरु हो पिन मंदिराचही जीव ॥ सवह विनासनु थिरु न जानहि जिसा उलका पातु है षडत पीसै वहुर नाही पैसा प्रीतम साथु है॥धन पूत अवर कलित योवन जिसेा वुदबुदा जाणहि ॥ प्रवधू परीक्षा कहइ जोय सै घूष कछु मति मानहो ॥१॥ असरनु जानि जीया सरन नइ थहकोइ ॥ इंदह चवइ देवो राषि न सका कोइ ॥ इंदह सु देवी सोचवंती तिसद काई न राषिए ॥ इस जीव को कोइ सरन नाही काहि अलियड भाषिष ॥ दंस खाण चरोतमइ जीव सुध ग्रघा जोवइ पसरण परीक्षा कहा जोय सों सरन नाही कोइ ॥२॥ इस संसार जोया दूप महंत उपाय ॥ चउरासो लक्ष जीया यानि हि फिरि पाइ॥ योनि चौरासी लक्ष ममते दुष पाउन पाइयो । व्यारि गति जी यहां हि देष्यो सुष कहू बन पाइयो । जिहि रोग सोग वियोम दुपुन मौउ अंत न पाइयो ॥ संसार परोक्षा कहर जिय सौं सुप कडू बन पाइयो। ___End.-भव भवि वोदि जीया जिन पाय लीन सुहार। सावय कुल जम्मू विषय विरत्तिहि होइ ॥ विषय विरतु महंत निरमल धम्म जिय दय सारदु । मरण होइ संन्यास सेती सब भव षय कारउ ॥ वारह मनु परोक्षा गति दिवसहि नित्य जो विह ध्यावहो ॥ दुर्लभानुपरीक्षा कहा जोय सैमुकतो.रमनी पावही ॥१२॥ इति प्रात्म संवोधन वारह अनुप्रेक्षा संपूर्ण ॥ संवत १८२५ ज्येष्ट वदि ८ सोम दिने कौसल देसे तिलोकपुर मध्ये श्री पार्श्वनाथ चैत्यालये लिषतं पंडित सेवाराम निजात्म संवोधानार्थ लिपि कृतं अन्य भव्य जीव वाचनायें। Subject: -जैनी ज्ञान । No. 11 (a). Hakka Surahiya by Avadhāta Simha, Sub. stance-Country-made paper. Leaves-3. Size-7 x 42 inches. Lines per page-10. Extent-65 Slokas. Appear. ance-old. Character-Nagari. Date of compositionSamvat 1844. Dato of Manusoript---Samvat 1844. Place of Deposit-Devakinandanacharya-Pustakalaya, Kamavana (Bharatapur).
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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