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________________ APPENDIX II. 75 हिम्मत सिंह देवाज्ञया कवि अमृते राजनीति भाषायां प्रकरणं समाप्तं ॥ शुभमस्तु॥ संवत् १८३३ संवत् १८५५ ॥ Subject.-राजनीति । No. 7. Kokasāra by. Ananda Kavi-Substance--Countrymade paper.' Leavus—22. Size--8 x 54 in. Lines per page--22. Extent-2,222 Slokas. Appearance----very old. Character-Nagari. Dato of manuscript-Samrat -1822. Place of Deposit-Pandita Rana Gopala ji Vaidya-Jahan. girabad, Bulandaa- sahar. ____Beginning.-३म् श्री गणेशायनमः॥ अथ कोक लिष्यते ॥ अलष अमूरति अलष गति किनिहू न पायो पार । जोर जुगल कर कवि कहत देह देव मति मार ॥ शिवश्रुत पद बंधू सदा रिद्ध सिद्ध नित देह कुमति विनासन सुमति करि मंगल मुदित करेह ॥ म रुम र नाशक है निस। यथ काक मार लिष्यते ॥ ललित सुमनि धनि पलिय नच । तन छवि प्रति नवकंद ॥ मधु रितु रति हित प्रति वरन ॥ जय जय मदन अनंद ॥१॥ चित्र कामदेव का ॥ वरनो काम अभिराम छवि वरना नायिनि भोग । सकल कोक दधि मथन करि रच्यो सार सुष जोग | भक्ति एक भगवंत को ॥ भोगु सुभामिनि भागु॥ वहि संकट महि मुष करन ॥ यह दुखहरन वियोग ॥ ३ ॥ मनिष रूप है मांतरा। तीनि वात को जाग ॥ द्रव्य उपावन हरि भजन ॥ मार भामिनी को भोगु॥४॥ ललित वचन सब कविन के ॥ सुरति करत सव कोइ॥ द्रग अंजन सब कामिनी । भेद सवन मै होइ ॥ ५॥ पिंगुल विन छंदै रचै ॥ ग्ररु गीता विन ज्ञान ॥ कोक पढ़ विन रति करै ॥ ते नरं रंच समान ॥६॥ गुन निधान और सुभट पुनि । संदर वली प्रवीन ॥ कोढी लहै न रति समै । कोक कला कर हीन ॥ ७॥ ___End.-सुनहु रसक जन श्रवन धरि कोक रीत यह रास चहत रसक चातुर यहै करत मूढ़ मति हास ॥३७॥ कोक उत्पति ॥ प्रथम अमरापुर हुते जु कोक । को जानत नाही मृत लोक ॥ एक हुतो जु सांतन नाम नरेस । प्रगट किये कलि पान तेस ॥ ३८ ॥ ता पाछे भर कवि अनेक । तिन रचे कावि कर कर विवेक ॥ कामी प्रदीप अरु पंचवान । पुन रति रसका जानै सुजान ॥ ३९ ॥ उनमहुन सिव पादि अनंग । पारित रंजन सम तरंग ॥ पठि सकल कवि करि करि विचार । वरनो पानंद कवि कोकसार ॥ ४०॥ दोहरा ॥ चतुर्दसु षंड जो प्रति सरस रचे जु वहु विध छंद । पढत व रति रंग प्रति विव चित हित पानंद (ति) को (क) सा (२)
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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