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APPENDIX. IIT.
Extent-About 1,620 Slokas. Appearance-Old. CharacterNagari. Place of Deposit-Goswami Radha Charana, Brindabana.
Beginning.-पद ॥ देवा माई सुंदर ताको सोंवां वजनव तरुनि कदंव नागरी निरषि करति अधग्रीवां जो काऊ कोटिक कलप लॉग जोवै रसना कोटिक पावै तऊ रुचिर वदनारविंद की सेाभा कहत न पावै देवलोक भुव. लोक रसातल सुनि कवि कुन मति डरियै सहज माधुरी अंग अंग की कहि कासी पटतरियै जै श्री हित हरिवंश प्रताप रूप गुन वै वल स्याम उजागर जाको भुव विलास वस पमुरिव दिन विथकित रस सागर १२ माई अवना के वलरासि अति गज मत्त निरंकुस मोहन निरषि वंधे लपटासि अवही पंग भई मन को गति निनु उद्दम अनि पास तव को कहा कहाँ जव पिय प्रति चाहत भृकुटी विलास कच संजमनि व्याज भुज दरसत मुसकनि वदनि विकास हा हरिवंस अनीति रीति हित कत डारत तन त्रास २ नया नेह नवरंग नयो रस नवल स्याम वृषभान किशोरो नव पीतांवर नवन चूनरो नई नई वूदनि भोजति गारो नव वृदावन हरति मनोहर नव चानृग बोलत मोर मोरी नव मुरली जु म नार नई गति श्रवन सुनत आए घनघोरी नव भूषन नव मुकट विराजत नई नई उरप लेत थारो थारी जै श्रो हित हरिवंश असोस देत मुष चिरजीवै िभृतल यह जोरो ३ . ___End.-हित अली म्याम जू ठाढी गुनिन गहे गाढी रूप मति काढी वहा देषि लली को जनम सुता जकि थकि रहि ११ जो यह दाई गावै परम सुष पावै मनहियो सिरावै वहाँ हैई जुगल को उपासिक विपिन कृपा करै १२४२ रा गाड़ी पाजु वधावी वृषभान के या अहो वेटो धरहु भानमतो साथि ये वेटो गनि गनि रोपी सोक वेटी उदै भया तरे वीर के ग्रहो वेटो लेहु मापनो लोक २ हा पहो भाभी तो मैं धरिहों री सांथिये भाभी नेग हमारौ देहु ग्रहो वेटो माल तिहारे वाप को वेटो
'अपूर्ण
Subject. विविध पदों का संग्रह । . No. 53. Pannā Bīramde ki Bāta. Substance-Countrymade paper. Leaves-110. Size-74 x 6 inches. Lines per page-15. Extent-1,050 Slokas. • Appearance-Old. Character-Nāgari. Place of Deposit-Sri Devaki Nandana - charya Pustakālaya, Kārabana, Bharatapura State.
Beginning.-श्री गणेशाय नमः ॥ अथ पना वीरमैदे की बात लिष्यते ॥ दोहा ॥ सदा मनोर्थ सिध करन वाणो प्रखरवेस ॥ सारा पहलो सुमरजे गुणदातार गणेस ॥ १ ॥ निमस्कार सुरसति नमो दगुणमा दरसाय ॥ भाषी वीर