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APPENDIX II.
No. 2. Adi Vijñāna. Substanco-British paper Leaves - 21. Sz0-5" x 3]". Lines per page-10. Extent200 Slokas. Appearance-Old. Character-Vagari. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. .
Byginning.-सुत पुतौ भेर निर्वानो। पापनि उतपति कहो बषानी प्रब संतन का कहा संदेसा केहि विधि लखें तास को भेसा। ताको रहनि मै देह बताई जाते तुम्हें संा लाष पाई। निर्गन चालु चलै पुनि जाई संत सिरोनि कहियै सई तोरथ व्रत अरु नेम अचारा इन तो रहैं संत न्यारा दान पुन्य जज्ञ वर्त धर्माई तै। जक्त जानिये कर्मा(ई) पूजा जाप न दुतिया राषै सत्य नाम हृदय पमि नापै तेतीस कोटि देवगन भारी ई सब माया रूप विचारो दुतिया ध्यान अनित्य विचारै अद्वैत नाम हृदय में धारै साई निर्गन संत कहाई ताको परष मैं दोन्ह बताई रदै विरक्त जक्त में माई विरली संत कहावै जाई दोहा यह तो विस्वा धर्म है दुतिया जप तप ध्यान पतिवर्ता इन में नहीं मग करो रो जान ॥ अद्वैत नाम का गहि रहै तजै द्वैत को पास सत्य पुर्स तब पावहि पूरन प्रेम विलास।
End.-यह तो तुम्है सिखावन दीन्हा तुम रही नाम ली लीन्हा ध्यान समाधि करौ चिनलाई आप अपन में रही समाई जियत पुर्स सा परिचय कीजै चैमा चित्त समाधि में दोजै बरि मरे की रहै न पासा जोवन करी लोक में वासा जियत सताने लाक में नहि मरने की पास ॥ जीवनमुक्त हाई रहे सतनाम प्रकास ॥ सिंधु समानो बंद में बुंदहि सिंधु समान सिंधु विंदु एकै भयो फिरि नहिं पावन जान ॥ अगम ज्ञान अद्वैत मत प्रादि रूप विज्ञान ये कित अन भै कथा तुम सन कहाँ बषान ॥
Subject.-ग्राध्यात्मिक ज्ञान-परब्रह्म का निराकार निर्गण द्वैत प्रतिपादन ।
No. 3. Agadha Bodha. Substance-Country-made paper. Leaveq-9. Size-8" x 4". Lines per page-12. Extent270 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Manuscript-famvat 1891 or 1834 A. D. Place .of Deposit- Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Beginning.-श्रीमते गमानुजाय नमः ॥राकृ णाय नमः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ सर्वसार संग्रह अगाध बोधो नाम ग्रंथ लिषते ॥ मात रामः॥ सलोक ॥ मंगलं भगवान विश्नुः मलं गडुरध्वजः मंगलं पुनरोकाक्षः मंगलाय