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APPENDIX II.
No. 172. Gulazāra Chamana by śítala. Subst ance - Country-made paper. Leaves-30. Size-8" x 51". Lines per page-13. Extent.-390 ślākas. Appearance old. Character-Nagari. Place of Deposit-Pandita Rama Gopala. Vaidya, Jahāngirābād (Bulandabahar).
___Beginning.-श्रीगणेशायनमः समझतही सव दूष दूर करै गम सै पावै विसराम अमन ॥ फिर इस्क मिजाज हकीकी का दिल सेती परदा होय दमन । शुर नर किन्नर की कौन गिनै दङ्ग प्रसन्न होय उमारमन ॥ इस हुसन वगीचे का खूटा सीतन का गुलजार चमन ॥१॥ वरनन कर चरन विहारी के जो धरै उमा को भीरों के ॥ अंगुली दल दाडिम सुमन कली नष प्रभापुंज छवि नीरों के ॥ दिल सैमि परे तरफत है अव तक चंपक दल चोरों के ॥ दमकै दिनकर के स्वाले से नग हीरे नुमा जंजीरी कै॥२॥ पंकज पर विजली लपट रही दिन दे धरत ना धीरै है नौरतन जस्ड की वेलै वीधि चीता मै रस तीरे है कुंदन की प्रोप दमक प्रेसी मन्मथ के मद को चीरे है या लाल विहारी के पंकज पद हीरे नुमा जजीरे है ॥२॥ मानकेचाके चुनी के छवि छंद गुलाव के मात पड़े। कै ललित नगीने मरजाके लगते है ये उपमान कडे ॥ दिनकर की किरनै मंद लगै लषि जिसकी उड़गन जातु वडे ।। नष लाल विहारी के पंकज दल्न उदै सरद के सशी चढे॥४॥ ___End.-यह लाल विहारी अाज यार जानी जगमगा वगीचा है ४१५६४ जानी फिर तू नै लषा नही हम चितवत मन हर तो सै ४ जुलफौ को प्रति पति मति वरनै उमादि इनको करनी सै - तू x ललित माधरी सूरति है क्या सेाक सिंधु की तरनी सै॥१५७ x इति श्री सीतल चमन संपूरणं सूभऽमस्तु मंगलं दयत् ली(ष)तं दूरगा दास कश अव जागीरावाद मै लीषी दुपर के वखत मे एकवजे।
Subject. -श्रीकृष्ण का सौंदर्य वर्णन ।
No. 173. Siyā Kara Mudrikā by Sita Rāmānanya Śila. mani. Substance-Foolscap paper. Leaves-7. Size7" x 6". Lines por page-16. Extent-158 Slokas. Appearance-New. Character--Nagari. Place of DepositSwāmi Rāma Vallabhā Śarana ji, Sad Guru Sadana, Ayodhya.
Beginning:-श्रीसीतारामाभ्याम नमः ॥ स्वस्ति श्री सिय सुंदरी सुन्दर प्रेम पियूष । रितु वैभव रस अंग में सील मनीन्द्र मयूष ॥१॥स्वस्ति श्री शत सहस