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APPENDIX II.
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प्रणामि कोन्ह विश्राम १४ इति श्री ग्रन्थ परधाम वोधिनी रामदयाल वि चितं परात्पर धाम वर्णनो नाम द्वितीया विश्राम २ संपूर्ण श्री सीताराम जू कै समर्पणम् वैसाख मासे कृष्ण पक्षे दशम्यां गुरुवासरे लिखतं जानकी दास्यं श्री अयोध्याम प्रमोदारण्ये सम्वत् १९२९॥ Subject.-पृष्ठ १ तत्व विभाग।
, २ भक्तिरसवाधिनी । , ४-८ श्री रामनामतत्व स्वरूप वर्णन प्रथम विश्राम
वाधिनो। , ८-९ विश्राम वाधिनी रय विश्राम अंग वर्णन । , ९ अंग नाम निरूपण इय , ,, ९-१४ नाम निरूपण अपराध माहात्म्य वर्णन ४र्थ
विश्राम। ,, १४-१७ ग्रंथ परधाम वोधिनी ब्रह्मांड तत्वावरण भेद वर्णन
१म् विश्राम । ,, १७-२१ ब्रह्मांड तत्वावरण परात्परधाम वर्णन श्य विश्राम। No. 144(0). Rāma Nāma Tatwa Bödhini by Rāma Dayila. Substance --Country-made paper. Leaves--10. Size--1." x51". Lines per page-13. Extent----300 Slokas. Appearante-Old. Character-Nagari. Date of ManuscriptSamvat 1929 = A. D. 1872. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Boginning.-श्रीसीतारामाय नमः ॥ अथ श्रीरामनाम तत्व वोधिनी ग्रन्थ मंगला चरण भाखा लिख्यते ॥वाहा ॥ जनकमता श्री रामपद वंदि सुमंगल मूल कहा तासु वर नाम कछु जो मा पर अनुकूल जो जन जापक नाम के सा सव भांति सुजान शिव विधि भृगु सनकादिक वालमीक हनुमान २ जागवलिक नारद घटज भरद्वाज शुक शंष व्यास काग प्रह्लाद धुव लोमस गरुड़ गनेस ३ श्री वानी गिरजादि तिय जीव विविध संमार जा जिभ्या पर नाम प्रिय वंदिय ता पद सार ४ जुगल नाम कं तत्व वि ध को कवि कहहि अगाह जथा सिधु षग चंचु भरि सुष सु लहे नहिं थाह ५ तथा नाम अमिसिंधु ते कछुक लिहै भरि नेह त्रिषित अनेकनि जन्म ते भए न सुमति सुदेह ६
End.-दोहा ॥ जो जन जपहि कुभाव ते किन्तु अनष करि नाम मिलहि तासु कैवल्य पद अनइक्षत परिनाम १३ पालस परिपाक ते प्रति भारत जपि
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