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________________ APPENDIX II. 299 सुमिरण राम को सो सब उतरे पार रामचरन जो वीसरा साई जम को द्वार २ चौपाई रामनाम को जिन जिन ध्याया भो को छोड़ परम पद पाय १ वि जो निसि दिन राम पुकारै राम विना दूजा नहिं धारै पारवती को राम सुनायौ राम बिना सब झूर बताये। साई राम सुन्यौ सुषदेवा गर्भवास मा लागी सेवा राम सुमिर सुव मोह नेवासों मात पिता तजि वनै सिधारो ॥ राम प्रताप रंभा गई हारी सुमिरन राम कामना भारी ब्रह्मापुत्र चार सनकादिक रामनाम के भये स्वादिक राम प्रताप गर्भ नहिं प्रावे सुमिरत गम परम पद पावे ॥ रामनाम नारद मुनि घ्यावें हृदै प्रेम प्रवाह बढ़ावै सस रसातल गम प्रकारे रसनाला कवहं नहिं टारें ॥ Find.-कनक कामिनी करे न नेहा छके ब्रह्मरस रहे विदेहा जैसे वूद मला सागर में कैसे पकर सकै कोई कर में। जीव ब्रह्म मिल भया समाना ब्रह्म परसा करम करे न आना प्राचेतन दरसे विना मत कोइ छाड़ी ध्यान रामचरन येक राम विन है। फाटक ज्ञान रामचरन कहै राम को ब्रह्मलोक को जाइ जह जम जोरा को में नहीं सुष मो रहा समाइ समाप्तम् शुभं भवतु ॥ Subject. - श्री रामनाम की महिमा, कई भक्तों के संक्षिप्त चरित्र और उन हरिभकों के पहचानने के लक्षण । No. 143 (e). Drishtānta Bodhikā by Rāma Charana Dåsa. Substance--Country-made paper. Leaves- 5. Size--11" × 53". Lines per page - 14. Extent – 160 Ślokas. Appearance-Old. Character—Nagari. Place of Deposit- Śri Swāmī Rāma Vallabha Saraṇa, Sad-Guru Sadana, Ayōdhyā. Beginning. — श्रीजानकीवल्लभो जयति ॥ दोहा ॥ वन्दी सीताराम पद मकल सुमंगल मूल ॥ तामु नाम वरनों कछुक जो मा पर अनुकूल १ गमनाम के रसिक जे तिन पद रज मम सीस || शिव गनपति हनुमान शुक सनकादिक अहि ईस ॥ २ ॥ विधि नारद प्रह्लाद ध्रुव व्यास घटज कविराज ॥ लैामस गरुड भुखंड भृगु जागवलक भरद्वाज ॥ ३ ॥ श्री वानी गिरिजादि तिय जीव चराचर छोर रामनाम जिय सरस प्रिय तासु चरण सिरमौर ॥ ४ ॥ रामनाम को कहि मकै जान सकैका गाव यथा सिंधु पग चांच भरि त्रिपित थाह नहि पाव ॥ ५ ॥ राम चरण निज वाघ हित कहैं। राम को नाम ॥ सकल वासना मिटै जिहि चित्त लहै विश्राम ॥ ६ ॥ रामनाम के भीतरही जीव ब्रह्म त्रैलेाक || सीकर पिय तप पील जल तिमि मैं कहत विसेाक ॥ ७ ॥ राम प्रसाद प्रसाद तं रामचरण कछु पापात्र जानि मेाहि कृपा करि समुझत हिये हुलसाय ॥ ८ ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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