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APPENDIX II.
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-नित रस वरसावै ६१ इति श्री रसिक सिरोमनि श्री स्वामी कृपानिवास कृत श्री समय प्रवन्ध सम्पूर्ण ॥१॥ श्री सीताराम श्री सीताराम ॥
Subject.-श्री सीताराम की आठ पहर की लीलाओं का ध्यान तथा उनको उपासना।
No. 99(e). Samaya Prabandha by Kripā-nivāsa. Substance-Country-made paper. Leaves--27. Size-10} in. ches x54 inches. Lines per page-13. Extent-1,050 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Manuscript-Samvat 1923 or A. D. 1866. Place of DepositSaraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. ___Beginning.-श्रीमते रामानुजायनमः ॥ अथ श्री समय प्रबन्ध ग्रन्थ लिप्यते॥ मंगल राग भैरव पाडताल प्रथम उपासक भाव विचारे सदगुरु दया सषी तन करि निज रंगमहल रस रहस निहारै तन कृत करि गुरु प्रेम भावना आयस पाय महल पगु धारे मधुर मधुर गति मधुर भाव से मधुर मनोहर सयन सभारे साए सजनो रजनी दे सुरत विनोद प्रमोद अपारे ॥ निरषि झरोषन सकुचि जगावत उनमत छवि लषि प्राण निसारे मङ्गल ग्रादि सिंगार साज सुष चिद विलास (रस) टहल सवार कृपा निवास श्रीराम पिया की कृपा अगम सव मुगम हमारे ___End.-राग रामकली मूल ताल राजकुपर मेरो संग लग्यारी जंह ह जाऊं तह ही लषाउ प्रेम विवस रस रहत पग्यारी साइ रहै। सपने चमकावै जाग्या पीठ उठे तव मृदु मुसकावै हमि हेरा तव फूल मगन तन रोष करो तव हाहा पावे वेस दुराइ दुरौ सषियन में दृष्टि चाराय वदन पट पोलै पद परमत अपराध छमावत मनहरनी मधु वानी वाले भवन छिपी पिरकी षरकावै पाय अकेली अंक भरेरी सरजू जाउ न्हान सिय पीछे आय मु नाना कोतुक करै रीहारि बसेा गृह आगे मेरे गुन गावै हंसि वीन बजाने कृपा निवास राम रसियावर रसिकन हित नित रस वरषावै ६२ इति श्री रसिक सिरोमनि श्री स्वामी कृपा निवास कृत श्री समय प्रवन्ध संपूर्ण ॥ सम्वत १९२३ ॥
Subject.-श्री सीताराम की पाठ पहर की लीलाओं का ध्यान तथा उनकी उपासना ॥
No. 99(f). Mūdhuri Prakāśa by Kripā-nivāsa of Ayodhyā. Substance--Country-made paper. Leaves-15. Size-7} inches x 41 inches. Lines per page-10. Extent-225 Slokas.