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________________ APPENDIX II. 109 Beginning. - ग्रथ फागुन लीला लिषत श्री गणेशायनमः ॥ प्रांत सुन्दर वृजराज कुमार || तात मात के प्राण प्रधार ॥ १ ॥ आनंद मंगल सकल परिवार ॥ वृज भक्तन कै प्रीति अपार ॥ २ ॥ लीला ललित विनोद विसाल ॥ गावै सुने भाग जिहि भाल ॥ ३ ॥ अमृतवाल केलि नंदलाल ॥ नवकिशोर रस रीति रसाल ॥ ४ ॥ मा मति महा नेम ते जागो ॥ वृज विसाल कहिवे फू लागो ॥ ५ ॥ यह लीला प्रति मधुर सुधासी ॥ कहत सुनत उपजै मन हांसी ॥ ६ ॥ लाड़ लड़ता कुंवर कन्हैया || पेनन यांगन देषति मैया ॥ ७ ॥ End. - हरि की बात भली वनि प्राई ॥ रह्यौ जु मूढ़ महा दुष पाई ॥ १४२ ॥ मांत तमिल करै राई || करि गया कान्ह महा ठगिहाई ॥ १४३ ॥ यैौ हरि गोपिन के सुषदाई ॥ वृज मैं करत विहार सदाई ॥ १४४ ॥ नव किशोर सुंदर सुषरासी || रस मै लोन कियै व्रजवासी || १४५ ॥ यह लीला प्रति मधुर सुधासी ॥ . वीरभद्र मन माद प्रकासी ॥ १४६ ॥ इति श्री फागुन लीला संपूर्ण समाप्त मिति माह सुदी १३ गुरवार संवत १८८७ लिषतम प्रोहत केसौ राम श्री गोवर्द्धन मध्ये पठनार्थ श्री श्री मैयाजी श्री यंमृत कौरि जी जाग्य ॥ Subject. - श्री कृष्ण का गोपिकाओं के साथ माखन चोरी आदि लीला करना । No. 30. Iska Nāmā by Bodha. Substance- Country-made paper. Leaves-3. Size-7 × 6 inches. Lines per page18. Extent about 70 Ślōkas. Appearance-New. Character—Nāgarī. Place of Deposit-Swāmī Rāma Vallabha Saranaji Sadguru-sadana, Ayodhya. Beginning.—श्री सीतारामायनमः ॥ देाहा ॥ षेतसिंह नरनाह को हुकुम चित्त हित पाइ ॥ ग्रंथ इस्कनामा किया वोधा सुकवि वनाई ॥ १ ॥ नाना मत उपासना मत मत न्यारे ठौर ॥ इस्क ब्रह्म जानै नहीं ग्रासिक मानत और ॥ २ ॥ माटी औ पाषान को काठ धातु को ध्याइ ॥ पावै सिद्धि वजाइ जो इस्क येक ठहराइ ॥ ३ ॥ वाधा अपने जान को सवै जताए देतु || पढ़ गुनै समुझे सुनै जानि परैगा हेतु ॥ ४ ॥ जिन जाना ते मानिहें मानै नहीं प्रजान ॥ कसकत ताही के हिये जा fee door बान ॥ ५ ॥ उपजै इरुक जु अंग ते रहत अंग के बीच ॥ हाड़ मालवा करै इस्क न जानत नीच ॥ ६ ॥ अथ इस्क पंथ से जानवी ॥ सवैया ॥ प्रति छोन मृनाल के नारहुते वेहि ऊपर पांउदै आउने है ॥ सुदूवेह ते द्वार सकीन तहां परतीत को टांडा लदाउने है | कवि वोधा घनी घनी ने जहुं ते चढ़ि तायें न चित्त डगाउने है | ( यह प्रेम को पंथ कराल है री तरबा की धार पै धाउने है ) ॥ ७ ॥ 8
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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