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(१८) कमां कंइक ओछु देखे. ए देवताओ तिर्छ असंख्यात द्वीप समुद्र सुधी . देखे. उचुं पोताना विमाननी ध्वजा सुधी देखे. भुवनपति व्यंतर देवताओमां अर्धा सागरोपममां कंइ ओछा आयुष्यवालाने तिचे संख्याता योजन- ज्ञान होय. अर्धा सागरोपम उपरनुं आयुष्य होय तेने तिई असंख्याता योजन- ज्ञान होय. जेनु दश हजार वर्षनुं आयुष्य छे तेने पचीस जोजन- ज्ञान छे. असंख्याता वर्षनुं आयुष्य छे तेने असंख्याता योजन- ति? ज्ञान होय. आ मुजब नंदीसूत्रनी टीकामां पाने १७८ मे छापेली प्रतमां तथा आवश्यकजीमां कहेलुं छे.
प्रश्नः-१२७ तीर्थंकर कया आरामां थाय ? ने कया आरामा सिडिवरे ?
उत्तर:-नंदीसूत्रनी छापेली प्रतमां पाने २०० मे कह्यु छे के ऋषभ देव अवसर्पिणी कालना त्रीजा आरानां त्रण वर्ष साडा आठ महिना बाकी हता, ते वखते मोक्षे गया. सार पछी बीजा सर्वे तीर्थकर चोथा आरामां थया. छेल्ला महावीरस्वामी चोथा आराना त्रण वर्ष साडा आठ महिना बाकी हता त्यारे निर्वाण पाम्या. तेमज श्रावती चोवीशीमा त्रीजा आराना त्रण वर्ष साडा पाठ मास गये थके तीर्थकरनो जन्म थशे ने आखा त्रीजा आरामा त्रेवीश तीर्थंकर थशे. ने चोथा आरामां चोवी. - शमा तीर्थकरनो जन्म थशे तथा निर्वाण पामशे. ने बीजा सामान्य के. __ • बीजा आराना जन्मेला त्रीजा आरामां केवलज्ञान पामे, ते वर्गमानकाले चोथा आराना जन्मेला पांचमा आरामां केवलज्ञान पाम्या, आ मर्यादा छे.
प्रश्नः-१२८ मनुष्य गर्भजनी संख्या केटली कही छ ? ने सामान्य म. नुष्यनी केटली ?
उत्तरः-अनुयोगद्दार सत्रनी टीकामां पाने ४८८ मे मनुष्य गर्भजनी संख्या छ वर्ग करता जे रकम थाय तेटली कहाँ छे. ते वर्गनुं समजवू जे एकनो वर्ग तो थाय नहि तेथी बेनो वर्ग ते चार थाय ए पहेलो वर्ग,