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( १४७ ) थी ज चाल्यो छे. स्त्रीनी नाभी नीचे बे नाडीओ छे तेनो आकार नाडी सहित कमलना फूल जेवो छे. तेनी नीचे खीनी योनी छे. जीव उपज - वानुं स्थानक ते अधोमुख कमलने आकारे छे. हेठे आंबानी मांजर जेवी जेवी मांसनी मांजर छे, ते ऋतुकाले फूटे छे त्यारे रक्त स्रवे छे. तेनुं ना म ऋतु कहेवाय छे. ते ऋतु आव्याप छे. पुरुषना जोगथी वीर्य स्रवे छे. ते वीर्य तथा मातानुं रुधीर ए बेनो अधोमुख कमलमां संयोग मले हैं, त्यारे तेमां जीव उत्पन्न थाय छे ते प्रथम समये वीर्य तथा रुधीरनो आहार करे छे. पछी काले काले वृद्धि पाने छे. ते सात दिवस सुधी चोखाना पाणी जेवो थाय छे. त्यार पछी सात दिवसमां पाणीना परपोटा जेवो थाय छे, पछी सात दिवसमां मांसनी पेशी आंबानी गोटली जेवो एक मासे थाय छे. बीजे मासे विशेष वृद्धि पामी मजबूत पेशी थाय छे, श्रीजे मासे तेथी वृद्धि पामे छे, ने माताने दोहला--मनोरथ उपजावे छे, पुन्यवंत गर्भ होय तो सारां धर्मनां काम करवानी, सारं खावानी इच्छां थाय छे. पापिष्ट गर्म होय तो श्रधर्मनी इच्छा तथा माठी वस्तु खावानी इच्छा करावे छे. चोथे मासे गर्भ वधवाथी मातानां अंगोपांग पण वृद्धिने पामे छे. पांचमे मासे गर्भना पिंडमांथी पांच अंकुरा नीकले छे. बे हाथ, बे पग ने एक मस्तक, ए पांच वस्तु थाय छे. ए जोइने केटलाएक अज्ञानी जीव कहे छे जे पांचमे मासे जीव उपजे छे; पण तेणे एटलं ज विचार जे ए जीव पांच महिना सुधी क्यां रह्यो हतो ? ने आजीव विना का शा कारणे थयो ? माटे जीव तो प्रथमथी ज उत्पन्न थाय छे. पछी उपर मुजब वृद्धि पामे छे. छठे मासे पित्त तथा रुधीर उपजावे छे. सात मे मासे सातसो नाडीयो, पांचसो मांसनां स्थान, नव म्होटी नाडीओ ए रीते सर्वे तैयार थाय छे. आठमे मासे सर्वे अंगोपांगनी पूर्णता करे छे. ए अधिकार भगवंत कही रह्या, पछी गौतमस्वामीए पूछयुं जे भगवत! गर्भमा रह्यो निहार करे ? ते ना कही. त्यार बाद कवल आहारनुं प्रश्न करयुं, ते पण ना कही. रोम आहार विगेरे करे ते मातानी रसहर