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उसमे णं रहा कोसलिए चोपुवी होत्या ।
४. जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे श्रोसप्पिणी तेवीसं तित्थगरा पुव्वभवे मंडलियरायाणी होत्या, तं जहा
अजिए संभवे श्रमिणंदगे सुमती पउमपहे सुपासे चंदप्प हे सुविही सीतले सेज्जसे वासुपुज्जे विमले
ते धम्मसंती कुंथू अरे मल्ली मुखिसुब्बए नमी श्ररिट्ठणेमी पासे वद्धमाणे य ।
उसमे णं रहा कोसलिए चक्क - ट्टी होत्या ।
५. इमीसे णं रयणप्पहाए पुढवीए प्रत्येगइयाणं नेरइयाणं तेवीसं पलिप्रोमाई ठिई पण्णत्ता ।
६. श्रसत्तमाए णं पुढवीए प्रत्येगइयाणं नेरइयाणं तेवीसं सागरोमाई ठिई पण्णत्ता ।
८.
७. असुरकुमाराणं देवाणं प्रत्येगइयाणं तेवीसं पलिश्रोवमाई ठिई पण्णत्ता ।
सोहम्मीसाणेसु कप्पे प्रत्येगइया देवाणं तेवीसं पलिश्रवमाइं
ठिई पण्णत्ता ।
६. हेट्टिम - मज्झिम-विज्जाणं देवाणं जहणेणं तेवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता ।
समवाय-सुतं
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अर्हतु कौलिक ऋपम चौदह पूर्वी थे ।
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४. जम्बुद्वीप द्वीप में इम अवसर्पिणी के तेईस तीर्थकर पूर्वभव में मांडलिक राजा थे । जैसे कि
अजित, संभव, अभिनंदन, सुमति, पद्मप्रभ, सुपार्श्व, चन्द्रप्रभ, सुविधि, शीतल, श्रेयांस, वासुपूज्य, विमल, अनन्त, धर्म, शान्ति, कुन्थु, अर मल्ली मुनिसुव्रत, नमि, अरिष्टनेमि, पार्श्व और वर्धमान |
अर्हतु कौलिक ऋपम पूर्वभव में चक्रवर्ती थे ।
५. इस रत्नप्रभा पृथिवी पर कुछेक नैरयिकों की तेईस पत्योपम स्थिति प्रज्ञप्त है ।
६. अधोवर्ती सातवीं पृथिवी [ महातम: प्रभा ] पर कुछेक नैरयिकों की तेईस सागरोपम स्थिति प्रज्ञप्त है ।
७. कुछेक असुरकुमार देवों की तेईस पल्योपम स्थिति प्रज्ञप्त है ।
८. सौधर्म - ईशान कल्प में कुछेक देवों की तेईस पल्योपम स्थिति प्रज्ञप्त है ।
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६. अधस्तन - मध्यवर्ती ग्रैवेयक देवों की जघन्यतः / न्यूनतः तेईस सागरोपम स्थिति प्रज्ञप्त है ।
समवाय- २३