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________________ मन्दिर और वेश्या एक राजाने एक बार एक नया देश जीता। इस देशका शासन-प्रबन्ध करनेके लिए उसने अपने दो चुने हुए अधिकारियोंको अपना प्रतिनिधि और उपशासक बनाकर भेजा । शासनका पूरा कार्य उसने इन दोनोंको बराबर-बराबर बाँट दिया। ऐसा करनेमें राजाका अभिप्राय यह था कि उन दोनोंमें जो अधिक उपयुक्त सिद्ध होगा उसे हो वह स्थायी रूपसे वहाँका शासक बना देगा। यह राजा बड़ा विद्वान् और धार्मिक प्रकृतिका था और प्रजाकी सेवाको अपना सर्वोपरि धर्म मानता था। इस धर्म-पालनके लिए उसने आजीवन अविवाहित रहना अधिक सुविधाजनक समझा था। और इस प्रकार स्वयं बहुत सादा और संयमपूर्ण जीवन बिताता था। जिस नये देशको उसने जीता था वह संयोगवश उस युगमें संसारके सबसे अधिक सुन्दर नर-नारियोंका देश था और वहाँको तरुणियोंका रूपआकर्षण तो निस्सन्देह अनिवार्य ही था। ___ इन दोनों नियुक्त शासकोंने बड़ी योग्यता और संलग्नताके साथ अपनेअपने कार्यको पूरा किया और देशमें न्याय, सुख, शान्ति और समृद्धिकी हर प्रकारकी व्यवस्था सुचारु रूपसे चल निकली। देशकी प्रजा इन शासकोंके शासनसे बहुत सन्तुष्ट हुई। ___ अन्तमे राजा स्वयं इस देशका निरीक्षण करने गया। प्रजाने उसका पूरे स्वागत-समारोहके साथ सत्कार किया। राजाने दोनों शासकोंके कार्यो, उनकी कार्य-पद्धति और उनको व्यक्तिगत दिनचर्याका भी निरीक्षण किया। उनके कार्योमे तो कहीं भी कोई कमी या असावधानी नहीं थी, किन्तु उनके
SR No.010816
Book TitleMere Katha Guru ka Kahna Hai Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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