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________________ धर्म के दशलक्षरण श्रापकी बात बिल्कुल ठीक है, पर समझने की बात यह है कि 'दान' व्यवहारधर्म है और 'त्याग' निश्चयधर्मं । १२० वे धनादि परपदार्थ जिन पर लौकिक दृष्टि से अपना अधिकार है, व्यवहार से अपने हैं; उन्हें अपना जानकर ही दान दिया जाता है । लेन-देन स्वयं व्यवहार है, निश्चय में तो लेने-देने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता । रही परपदार्थ के त्याग की बात, सो पर को पर जानना ही उनका त्याग है - इससे अधिक त्याग और क्या है ? वे तो पर हैं हीं, उनको क्या त्यागें ? पर बात यह है कि उन्हें हम अपना मानते हैं, उनसे राग करते हैं; अतः उनको अपना मानना और उनसे राग करना त्यागना है । इसलिये यह ठीक ही कहा है कि पर को पर जानकर उनके प्रति राग का त्याग करना ही वास्तविक त्याग है । गहराई से विचार करें तो त्याग, मोह-राग-द्वेष का ही होता है; पर - पदार्थ तो मोह-राग-द्वेष के छूटने से स्वयं छूट जाते हैं । वे छूटे हुये ही हैं । इसीलिये भगवान को 'राग-द्वेषपरित्यागी' कहा गया है । यदि आप कहें कि अभी तो यह कहा था कि त्याग पर का होता है और अब कहने लगे कि त्याग मोह-र -रागT-द्वेष का होता है ? भाई ! आध्यात्मिक दृष्टि से मोह-राग-द्वेष भी तो पर ही हैं । यद्यपि वे आत्मा में उत्पन्न होते हैं तथापि वे आत्मा के स्वभाव नहीं, अतः उन्हें भी प्राध्यात्मिक शास्त्रों में 'पर' कहा गया है । जहाँ तक परोपकार की बात है, उसके सम्बन्ध में बात यह है कि यद्यपि कोई किसी का भला-बुरा नहीं कर सकता तथापि ज्ञानी को भी दूसरों के भले करने का भाव आये बिना रहता नहीं है, क्योंकि अभी उसके राग-भाव विद्यमान है । दूसरी बात यह है कि निश्चय से कोई किसी का भला-बुरा नहीं कर सकता, पर व्यवहार से तो शास्त्रों में भी एक-दूसरे के भले-बुरे करने की बात कही गई है; भले ही वह कथन उपचरित हो, कथन मात्र हो, पर है तो । 'दान' व्यवहारधर्म है, अतः वह परोपकार सम्बन्धी विकल्प: बँक ही होता है । यही कारण है कि वह पुण्य बंध का कारण होता है, बंध के प्रभाव का कारण नहीं । जो व्यक्ति उसे निश्चयधर्म मानकर बंध के प्रभाव (मुक्ति) का कारण मान बैठते हैं वे तो गलती करते ही हैं, साथ ही
SR No.010808
Book TitleDharm ke Dash Lakshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1983
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size13 MB
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