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________________ ११४ पर्म के परालमण जिनवाणी के योग्य वक्ता तथा श्रोताओंका सही स्वरूप महापंडित टोडरमलजी ने मोक्षमार्गप्रकाशक के प्रथम अधिकार में विस्तार से स्पष्ट किया है । जिज्ञासु पाठक तत्संबंधी जिज्ञासा वहाँ से शान्त करें। स्वाध्याय एक ऐसा तप है कि अन्य तपों में जो लाभ हैं वे तो इममें हैं ही, साथ में यह ज्ञानवृद्धि का भी एक अमोघ उपाय है। इम में कोई विणेप कटिनाई व प्रतिबंध भी नहीं हैं। चाहे जब कीजिए-दिन को, रात को; स्त्री-पुरुप, बाल-वृद्ध-यूवक सभी करें। एक वार नियमित स्वाध्याय करके तो देखिये, इसके अमीम लाभ से आप स्वयं भली-भांति परिचित हो जावेगे। प्रमाद व अज्ञान से लगे दोषों की शुद्धि के लिए आत्म-आलोचना, प्रतिक्रमणादि द्वारा प्रायश्चित्त करना प्रायश्चित्ततप है। बाह्याभ्यन्तर परिग्रह के त्याग को व्युत्सर्गतप कहते हैं । इसकी विस्तृत चर्चा त्याग व आकिंचन्य धर्म में आगे विस्तार से होगी ही। अब रही बात ध्यान की। सो ध्यान तो सर्वोत्कृष्ट तप है। ध्यान को अवस्था में ही सर्वज्ञता की प्राप्ति होती है। यहाँ ध्यान से तात्पर्य प्रान-रोद्रध्यान से नहीं, शुभभावरूप धर्मध्यान से भी नहीं; बल्कि उस शुद्धोपयोगरूप ध्यान से है जो कर्म-ईधन को जलाने में अग्नि का काम करता है, जिसकी परिभाषा प्राचार्य उमास्वामी ने तत्त्वार्थमूत्र के नववें अध्याय में इसप्रकार दी है :'उत्तमसंहननस्यैकाग्रचितानिरोधो ध्यानमान्नमुहूर्तात्' ।।२७।। वैसे तो दुकानदार ग्राहक का, डॉक्टर मरीज का, पति पत्नी का निरन्तर ही ध्यान करते है। पर मात्र चित्त का एक अोर ही एकाग्र हो जाना ध्यानतप नही है, वरन 'स्व' में एकाग्र होना ध्यानतप है। भले ही पर में एकाग्र होना भी ध्यान हो, पर ध्यानतप नही । ध्यानतप तो समस्त 'पर' एवं विषय-विकारों से चित्त को हटाकर एक आत्मा में स्थिर होना ही है । यदि शुद्धोपयोगरूप ध्यान की दशा एक अन्तर्मुहूर्त भी रह जावे तो केवलज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। समस्त तपों का सार ध्यानतप है, इसकी सिद्धि के लिए ही शेष सब तप हैं। इस परम पवित्र ध्यानतप को पाकर सभी प्रात्माएँ शीघ्र परमात्मा बनें - इस पवित्र भावना के साथ विगम लेता हूँ। 0000
SR No.010808
Book TitleDharm ke Dash Lakshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1983
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size13 MB
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