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स्यावलिका सूत्र अथवा नामांतरे एक कप्पिया अध्ययन १०, बीजें कप्पवर्मिसिया अध्ययन १५, त्रीजु पुफिया अध्ययन १०, चो) पुष्पचूलिया अध्ययन १० भने पांचमुं वहिदिसा ए पांच उपांगर्नु नाम निरयावलिका कदेवाय - ए कप्पिया प्रमु ख पांच उपांगनी अध्ययन संख्या ५२ ते अनुक्रमे सातमा उपासकदशांगादिक ||* पांच अंग प्रतिबक में ए पांचनी मली श्लोक संख्या ११०ए बैंए पांचनी वृत्ति || ७०० श्लोक प्रमाण श्री चंजसस्कृित में सर्व संख्या १००ए एम बारे जपांगनी सर्व मली मूल संख्या २५४२० तथा टीकानी संख्या ६७५३६ श्रने लघु टीकानी संख्या क्षा तथा चूर्णीनी संख्या ३३६० एकंदर सरवाले संख्या १०३५४४, १४ नशीथ | बेदसूत्र अध्ययन २० मूल जुनी टीपमा ७१५ श्लोक में एनुं लघु नाण्य १४०० श्लोक में तथा चूर्णी श००० श्लोक में मदोर्ट नाष्य १२००० श्लोक में ते टीकाने नामे पण कहेवाय ने सर्व संख्या ४७२१५ मे, २५ बृहत्कल्प बेदसूत्र अध्ययन २४ एनी जुनी टीपमा संख्या ४७३ नी में एनी वृत्ति संवत १३३५ ना वर्षमा बृदहाखिय श्रीदेमकीर्तिमरिकृत ४२००० संख्यांनी ने तथा एनुं नाष्य जुनी टीपमां १२०००