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________________ रांग प्रतिबक एनी मुख संख्या १२०० तथा श्री अजयदेव सूरि कृत टिका सेख्यो ३१२५ सर्व संख्या ४३१५. १३, श्री रायपसेणी उपांग सूयगमांग प्रतिबक एनी मुख संख्या २०१० तथा श्री मलयगिरी कृत टिका ३७०० सर्व संख्या ५७७७. १४ श्री जि.* वानिगम उपांग गणांग प्रतिबक एनी मुल संख्या ४७०० तथा श्री मखयगिरिकृतक टिका.१४००० तथा लघुवृत्ति ११०० तथा चूर्णिश्लोक १५०० चे सर्व संख्या २१३०० १५ श्रीपन्नवणां उपांग शीस्याचार्यकृत समवायांग प्रतिबछनीसंख्या७७,मलयगिरि महाराजनी करेली टीका १६००० तथा हरिनद्रसूरिकृत लघुवृत्ति ३७२ श्लोक सर्व संख्या २७५१५, १६. श्रीजंबुद्दीपन्नत्ति उपांग जगवति प्रतिबक एनी मूल संख्या ४१४६ मलयगिरिकृत टीका १५००० तथा चूर्णि १०६० सर्व संख्या १०००६ १७ चंद्रपन्नत्तिसूत्र ज्ञाताप्रतिषक मूल संख्या २२०० तथा मलयगिरिकृत टीका ए४११|| तथा.लघुवृत्ति १००० श्लोक में ए सर्व संख्या १२६११, १० सूरपन्नत्ति उपांग पूर्वो-18 क्त चंदपन्नत्ति तथा ए बेहु मली झाताप्रतिवछ में एंनी मूल संख्या २२०० तथा|| श्रीमलयगिरिकृत टीका ए००० अने चूर्णी १००० सर्व संख्या १५२०० ए, नि
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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