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नही, जो करें तो बोदिकोथलीनो दृष्टांत , शरीरकी विजूषा करें नही, जो करें रांक हाथे रत्नरो दृष्टांत ए. ए नव निधान. नैसर्प निधान १, पंमक निधान २, पिंगल निधान ३, महापद्म निधान
, सर्वरत्न निधान ५, कालनिधान ६, महाकाल निघान ७, शंख निधान , माएवक निधान ए. एक निधान नव जोजन चोमो, वार जोजनरो लांबो, बाठ जोजनरो, चंचो वेश्ने आकारे, निधानमांही सर्वही वस्तु पामीजें.
४ ए नव नियाणा. राजगृहीनगरीने विपे श्री महावीरस्वामी समवप्ता, श्रेणिकमहाराजा
वंदना करणने भोटे मंमाणे जाईन श्री वीतरागने वांद्या; तिवारे साधु साधवीये श्रेणिकमहाराजने दीग, देखीने नियाणाकीया; चेलणाराणीनेपिण दीठी,देखीने साधु साघवीये नियाणा कीया, तिवारे महावीरस्वामीये साधु साधवीने बोलावीने नव नियाणा प्ररूप्या. नियाणा करणवालाने कछुवा कर्मरा फल लागे तेढ़ना नाम. पहिले पुरुपने देखीने पुरुप नियाणो करें १, बीजे स्त्री पुरुपनो नियाणो करें १, तीजे पुरुष स्त्रीनो नियाणो करें ३, चोये स्त्री स्त्रीनो नियाण करें , च्यार