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मम
॥२९२॥
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RECANADA-IN
शक्ति कमी (बहेराश) थाय तेथी ते पाणी बुढापामां, अथवा तेवाज रोगना उदयना वखतमां मूढभावपणाने पामे छे, जेथी करवा | योग्य न करवा योग्य, विवेक जतां अज्ञानपणुं इंद्रियोनी शक्ति कम थतां आवे छे. अने तेथी हित पाप्त करवू; अने अहित छोडवू; त तेनो विवेक नाश पामे छे. जेम कान संबंधी कयु; तेज प्रमाणे आंखनु पण बुट्टापामां के रोगमां विज्ञान नाश पामे छे.
प्रश्न:-आत्मा साथे जेम काननो संबंध छे, तेम आंख साथे पण संबंध छे, त्यारे आंखनी माफक कानथी केम देखातुं नथी?
उत्तर:-तेम थर्बु अशक्य छे, कारणके. तेना विनाशमां तेनो उपलब्ध (माप्त) अर्थनी स्मृतिनो भाव थाय छे, अने एवं देखाय पण छे के, इंद्रियना उपघात (नाशमां) पण तेनो उपलब्ध अर्थ- स्मरण थाय छे. जेमके, घोळु घर. तेमां बेठेलो पुरुष पांच वारीओथी देखायलो जे कंइ पदार्थ होय; ते वारीमाथी कोइपण वारी ढांकतां पूर्वे जोयलु; ते याद आवे छे, तेवीज रीते में कान8 वडे, सांभळ्यो अथवा आंखवडे धीमो (धीमाशथी) पदार्थ जोयो; अने में आ कान, जाण्यो अथवा आंखथी स्फुट (खुल्लो) अने स्पष्ट | पदार्थ जोयो, ते इंद्रियोनी करणपणानी अवगति (बोध) छे, तेथी आत्मा साथे दरेक इंद्रियोनो संबंध छे.
वादीनी शंका-जो, एम छे तो; वीजी पण इंद्रियो छे, ते केम न लीधी ? (वीजी कइ इंद्रियो छे? एवं पूछो तो नीचे बतावीए छीए) जेवी के जीभ हाथ पग टटी अने पेशाबनी इंद्रियो तथा मन ए केम न लीधी? जेमके वचन बोलवाथी ते पण जीभ स इंद्रिय छे. तथा लेवा मुकवामां हाथ इंद्रिय छे. चालवामांपग इंद्रिय छे तथा मळ काढवामां टटीनी इंद्रियं छे. अने संसारी आनंद भोगविवामां गुह्य इंद्रिय छे. तथा विचार करवामां मन इंद्रिय छे.आ छ इंद्रियो पण आत्माने उपकार करे छे. तेथी तेमांपण करणपणुंघटे छे.
अने करणपणाथी इंद्रियपणुं छे. तेथी वधी मलीने अगीआर इंद्रियो थाय छतां तमो पांच इंद्रियो केम बतावो छो?
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