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सूत्रम्
(जीवोनो समूह) बंधाय छे. अने धर्म करवाथी मकाय छे. ते पण आ अध्ययनमा बताव्यु छे. ते भाव लोक विजय वडेज शुं फळ । IPछे ते वतावे छे. आचा०
विजिओ कसायलोगो सेयं खु तओ नयत्ति होइ । कामनियत्तमई खलु संसारा मुच्चई खिप्पं ॥ १६८ ॥ ॥२३॥ जेणे कपाय लोकनो विजय कर्यो, ते संसारथी जल्दी मुकाय छे. तेथी कपायथी दूर रहे, तेज कल्याणकारी छे. (खु अव्यय 18/ ॥२३१॥
"ज"ना अर्थमांज छे.)
प्रश्न-कषाय लोकथीज दूर रह्यो. तेज संसारथी मूकाय छे के बीजा कोइ पापना हेतुओ छे. के जे दूर करवाथी मोक्ष मळे ? उत्तर-काम एटले संसारी विषयनी जे खोटी बुद्धि छे ते पण निवारण करवाथीज मोक्ष मळे छे ?
नाम निष्पन्न निक्षेपो पुरो थयो. हवे सूत्र आलापक निक्षेपाने कहे छे तेने माटे सूत्र जोइए ते मूत्र निर्दोष उच्चार जोइए ते आ छे मूळ मूत्र
“जे गुणे से मुलहाणे जे मूलठ्ठाणे से गुणे” 8. जे गुण छे ते मूळ स्थान छे अने जे मूळ स्थान छे ते गुण छे. एना निक्षेप नियुक्ति अनुगम बढे दरेक पदे निक्षेपो कराय
छे. तेमां गुणनो पंदर भेदे निक्षेपो छे. ते कहे छे. . दवे खित्ते काले फल पजव गणण करण अभासे । गुणअगुणे अगुणगुणे भव सील गुणे य भावगुणे ॥१६९॥2
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