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________________ भावना प्रकरणे गाढा य तस्स गिद्धी गुडंमि मंकोडयस्स व धणंमिनाएण अनाएण व गिण्हइ राया विजणरिद्धि ॥ तो नंदणो वि कइया वि तेण हरिऊण सयलसव्वस्सं । विहिओ निद्धणचंगो तओ गहिल्लत्तणं पत्तो ॥४५ परिभमइ सयलनगरे कत्थ गयं मह धणं ति इच्चाइ । जंपतो डिभसएहिं परिगओ दुम्मणो दीणो ॥४६। तत्तो चिरकालेणं कह वि नरिंदेण चेव सो दिहो। तयवत्थो भममाणो नयरे तो चिंतियं हियए ॥४७॥ पेच्छ मए जह विहियं अन्नायरएण लुद्धहियएण | जसमालिन्नं नियवंससंभवाणं नरिंदाणं ॥४८॥ अवराहवजियस्स वि इमस्स वणियस्स तह य अन्नाणं । अवराहविरहियाणं अपावभावाण बहुयाणं ॥ अवहरियाओ रिद्धीओ ताओ जह बल्लहाउ मह बाढं | तह अन्नस्स वि इहरा तस्विरहे कह इमावत्थं ॥ पत्तो एसो त्ति ? तओ न मज्झ सरिसो जयम्मि वअणिज्जो । जमसासयरिद्धीणं निमित्तमिय ववसियमकजं ॥५१॥ छद्मस्थसंयमेन श्वेतम्बिका नरनाथस्य देवत्व प्राप्तिः इच्चाइ चिंतिऊणं वेरग्गेणं इमेण वि नरिंदो | तावसदिक्खं गिण्हइ अन्नाणतवं च कुणइ बहुं ॥५२॥ पजंतकयाणसणो धरणिंदो एत्थ चेव उप्पन्नो । कहमवि सज्जों जाओ नंदणवणिओंऽवि कालेण ॥५३॥ घेत्तूण परिव्वायगदिक्खं सोहम्मकप्पवासीसु । देवेसु सागरोंवमठिईसु जाओ महाकूरो ॥५४॥ घरणिंदो नियया परिपालेउं इओ समुव्वघो। कुसुमत्थलम्मि नयरे अभिचंदणराहिवघरम्मि ॥५५॥ || २८४॥
SR No.010801
Book TitleBhav Bhavna Prakaranam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubodhchandra Nanalal Shah
PublisherGangabai Jain Charitable Trust Mumbai
Publication Year1986
Total Pages516
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size19 MB
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