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एसो य दुहविढत्तो विहवो हा हा कहं मए रहिओ ? ।
सा भज्जा सा माया सो जणओ कत्थ दीसिहिइ ? ॥७॥ इच्चाइ अट्टआणं पडिवनो तीए चेव अडवीए । मरिऊण समुप्पन्नो रायसुयत्तेण सो अवसो ॥८॥
विहवोऽवि तओ विलयं गओ बहू केत्तिओ य पुण पिउणो ।
दुक्को जणणीइ पुणो सोउं मरणं तह सुयस्स ॥९॥ | तहकह वि हु संघटो हियए जाओ जहा मरेऊण | अदृज्झाणोवगया बिडालियत्तण उप्पन्ना ॥१०॥ | वसुदत्तोऽवि हु काउं मयकिच्चाई सुयस्स गयसोगो। संजाओ कालेणं गओ वणिजेण तो कमसो ॥११ देसंतरंमि गंतुं कयाणयाइं च विक्किणेऊण | लट्ठो विणियत्तो समागओ तीए अडवीए ॥१२॥
जीइ सुओ संचिट्ठइ रायसुयत्तेण पुव्वमुप्पन्नो । दिट्ठो य समुवविट्ठो सो चिय सहयारसाहाए ॥१३॥ el तत्तो निययनरेहिं पासपओगेण केणई तत्थ । खित्तो गहाविउं पंजरम्मि सो सत्यवाहेण ।।१४।।
नीओ निययघरम्मि य पढाविओ आयरेण अइबहुयं ।
अन्नदियहम्मि सुत्ते सयलम्मि जणम्मि रयणिभरे ॥१५।। जणणीबिडालियाए चरणं खिविऊण कहवि छिड्डेण । आयड्ढिऊण सो पंजराउ खद्धो चडफडतो ॥
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