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आभारी है । कवि की अन्य रचनामो एवं परिचय के बारे में और सामग्री एकत्र की जाने सिद्ध का प्रयत्न किया जाना चाहिए, ताकि उनका पूरा जीवन परिचय और उनकी साहित्य वि० सेवाओ का मूल्याकन होसके । अन्त मे एक बार पुन श्री नरेशचन्दजी साहब को धन्यवा अर्पण है कि उनने एक सशोधित प्रति और यह परिचय भेजा।
पाठको से भी निवेदन है कि इस प्रकार पूर्ण ध्यान रखते हुए भी अनेक अशुद्धिया इस पुस्तक मे छप गई होगी–कृपया उन्हे सूचित करे। ताकि आगामी सस्करण शुद्ध छप ६ सके। प्रारभिक पृष्ठो मे सशोधन करने मे पूजको को कष्ट होगा-उसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं।
दीपावली स० २०३० बी०नि० २५००
प्रकाशक
अष्टम
RAN MANI
पूजा