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________________ xxxx तो आहार न लीए, एम दीए तो तेने आहार लेवो कल्पे, एम न दीए तो तेने आहार न लेवो कल्पे. बीजने दिवसे वे दात अन्ननी ने वे पाणीनी लीए, ते आहार सर्व दुपद, चौपद जे आहारना अभीलाखी छे तेमने आ - दार मया पछी अजाणे घेर गोचरी जाय. थोडो थोडो निर्दोष आहार लीए, ते पण जे घरमा एकलो माणस जमतो होय त्यांथी कीए पण वे, त्रण, चार, पांच जमता होय ते घरमांधी न लीए. वाळकने विच्छेद पाठीने अथवा गर्भवती स्त्रीने हाथे, बाळक धवरावतीने हाथे आहार लीए नहि. घर तथा उंबरामांहि वे पग एकठा करीने कोइ स्त्री देती थकी साधु आहार न ले, पण एम जाणे जे एक पग उंबरा मांहि छे ने एक पग उंबरा वहार छे ने वे पग बच्चे उंबरो राखीने एवी रीते आहार गवेखे ने आधार काभे तो लीए. एम आहार मागता न मळे तो न हीए. त्रीजने दिवसे त्रण दात भोजननी ने ऋण पाणीनी लेवी फल्पे ज्यांलगे आहार लीए नहि. चोधने दिवसे चार दात आहार पाणीनी लेवी कल्पे, ज्यांलगे आहार न लीए. पांचमने दिवसे पांच दात आहार पाणीनी लेवी कल्पे ज्यांलगे आहार न लीए छट्टने दिवसे छ दात भोजननी ने पाणीनी लेवी कल्पे ष्यांलंगे आहार लीए नहि. सातमने दिवसे सात दात आहार पाणीनी लेवी कल्पे, ज्यांलगे आहार लीए नहि. आठमने दिवसे आठ दात भोजननी ने आठ दात पाणीनी लेवी कल्पे ज्यांलगे आहार लीए नहि. नोमने दिवसे नत्र दात भोजननी ने नत्र पाणीनी लीए, ज्यांलगे आहार न लीए. दशमने दिवसे दस दात भोजननी ने दस पाणीनी लीए, ज्यांलगे आहार नलीए. अगीयारसने दिवसे अगीयार दात भोजननी ने पाणीनी लीए, ज्यांलगे भाहार न लीए. वारसने दिवसे वार दात भोजननी ने पाणीनी लीए ज्यांलगे आहार न लीए. तेरसे तेर दात भोजननी ने पाणीनी लीए ज्यांलंगे आहार न लीए. उदसे चौद दात भोजननी ने पाणीनी लीए ज्यांलगे आहार नलीए. पुनमे पंदर दात भोजन ने पाणीनी लीए ज्यांलगे TXATX
SR No.010798
Book TitleAgam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages398
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size14 MB
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